
सौमित्र चटर्जी को वर्ष 2011 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया. यह निर्णय सूचना व प्रसारण मंत्रालय द्वारा दादा साहेब फाल्के विजेता के चयन के लिए गठित समिति ने 21 मार्च 2012 को लिया. सौमित्र चटर्जी को यह सम्मान भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाना है.
वर्ष 2010 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार तमिल फिल्मकार के. बालाचंदर को दिया गया था. सौमित्र चटर्जी से पहले बांग्ला फिल्म निर्देशक तपन सिन्हा को वर्ष 2006 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सौमित्र चटर्जी को वर्ष 2007 का सर्वश्रेष्ट अभिनेता के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड प्रदान किया गया. उन्हें यह पुरस्कार फिल्म पोदोक्खेप (Podokkhep) के लिए दिया गया था.
सौमित्र चटर्जी को वर्ष 2004 में पद्मभूषण से समाम्नित किया गया. इन्हें कला के क्षेत्र का फ्रांस का सर्वोच्च पुरस्कार द ऑफिसर डेस आर्ट्स एट मेटियर्स तथा इटली से लाइफ टाइम अचीवमेंट पुस्कार दिया गया.
सौमित्र चटर्जी वर्ष 1959 में सत्यजीत रे की फिल्म अपूर संसार से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की. उन्होंने सत्यजित रे की कुल 14 फिल्मों में काम किया. इनमें देवी, चारुलता और घरे बाइरे शामिल हैं. सोनार केल्ला और जय बाबा फेलूनाथ जैसी फिल्मों में वह जासूस प्रदोष मित्रा की भूमिका में नजर आए. सौमित्र चटर्जी ने तपन सिन्हा (क्षुधितो पाषाण) और मृणाल सेन (महापृथ्वी) जैसे फिल्म निर्देशकों की फिल्मों में भी काम किया.
फिल्मनिर्माता सत्यजित रे और अभिनेता सौमित्र चटर्जी की जोड़ी की तुलना हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक जोड़ी अकीरा कुरोसोवा-तोशिरो मिफ्यूनऔर मार्केलो मास्ट्रोइयान्नी-फेडेरिको फेलिनो से की जाती है.
विदित हो कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार फिल्म जगत में दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सम्मान है.
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