वित्त मंत्रालय के विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने मलेशिया स्थित एशिया की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन एयर एशिया के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्ताव को 6 मार्च 2013 को मंजूरी प्रदान की. इसके तहत एयर एशिया द्वारा टाटा समूह और टेलीस्ट्रा ट्रेडप्लेस के साथ नई एयरलाइन शुरू करने के लिए संयुक्त उपक्रम बनाया जाना है. इस संयुक्त उद्यम में एयर एशिया की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी, टाटा समूह की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी और टेलीस्ट्रा ट्रेडप्लेस की 21 प्रतिशत हिस्सेदारी निर्धारित है. एफआईपीबी की मंजूरी के साथ ही कंपनी द्वारा विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से परिचालन के लिए लाइसेंस सहित अन्य मंजूरियां लेने की प्रक्रिया शुरू की जानी है.
संयुक्त उद्यम से संबंधित मुख्य तथ्य
• एयर एशिया द्वारा शुरुआत में 3-4 विमानों के जरिए घरेलू संचालन शुरू किया जाना है.
• शुरुआत में इस संयुक्त उद्यम में 80 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना है. इसका मुख्यालय चेन्नई में स्थापित किया जाना है.
• संयुक्त उद्यम के तहत देश के दक्षिणी हिस्से के दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों के लिए उड़ानें शुरू की जानी है.
विदित हो कि इस संयुक्त उद्यम के जरिए टाटा समूह फिर से विमानन क्षेत्र में वापसी कर रही है. इससे पहले टाटा समूह ने ही वर्ष 1932 में देश में पहली एयरलाइन कंपनी शुरू की थी, जिसने बाद में एयर इंडिया का रूप लिया. इसके बाद नब्बे के दशक में टाटा समूह ने सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर फिर से विमानन क्षेत्र में उतरने का निर्णय किया था, लेकिन सरकारी मंजूरी नहीं मिलने के कारण ऐसा नहीं हुआ.
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