प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विनिर्माण नीति के सुचारू क्रियान्वयन हेतु एक मंत्रिसमूह गठित किया और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को उसका अध्यक्ष नियुक्त किया. विनिर्माण नीति से संबंधित मंत्रालयों की आपसी सहमति नहीं बन पाने के कारण इस मंत्रिसमूह का गठन 20 सितंबर 2011 को किया गया.
ज्ञातव्य हो कि कैबिनेट मंजूरी के लिए प्रस्तावित विनिर्माण नीति को लेकर वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, श्रम मंत्रालय और औद्योगिक नीति व संवर्द्धन विभाग ने अपनी-अपनी आपत्ति जताई थी.
कैबिनेट मंजूरी के लिए प्रस्तावित विनिर्माण नीति: इस नीति के तहत बनने वाले राष्ट्रीय निवेश एवं मैन्युफैक्चरिंग जोन (NIMZ: National Investment and Manufacturing Zones) में लगने वाली यूनिटों में केवल खतरनाक उद्योगों से जुड़ी इकाइयों को ही पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता प्रस्तावित है. खतरनाक उद्योगों से जुड़ी इकाइयों से इतर अन्य क्षेत्रों की इकाइयां इस जोन में बिना पर्यावरण मंजूरी के उद्योग लगा सकेंगी. साथ ही इस नीति में प्रस्तावित लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों में भविष्य निधि, मेडिक्लेम और बीमा की जिम्मेदारी किसी एक कंपनी को सौंपने का प्रस्ताव है.
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