केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 18 नवम्बर 2015 को संसाधन क्षमता पर भारतीय संसाधन पैनल (आईएनआरपी) के गठन की घोषणा की. भारत ऐसा पहला देश है जिसने संसाधन पैनल का गठन किया है.
आईएनआरपी का उद्देश्य देश के संसाधनों का उपयोग सतत विकास कार्यों के लिए किया जाना है. इसके 10 में से 4 सदस्य - विश्वनाथ एन आनंद, आर एच ख्वाजा, तिष्यारक्षित चटर्जी, प्रोदीप्तो घोष पूर्व पर्यावरण सचिव रह चुके हैं. अन्य छह सदस्य हैं – डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स से अशोक खोसला, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अजय माथुर, टॉक्सिस लिंक के रवि अग्रवाल, सीएसई से सुनीता नारायण, सीआईआई से सीमा अरोड़ा, ईएमसी से प्रसाद मोदक.
पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ सहयोगी भूमिका में होगा. स्थिरता को बढ़ावा देने और पर्यावरण क्षरण से विकास को नुकसान ना होने देने के लिए तथा रीसाइक्लिंग के लिए निजी और सार्वजनिक उद्यमों को एक सुविधाजनक वातावरण के निर्माण की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
संसाधन क्षमता पर भारतीय संसाधन पैनल (INRP) की आवश्यकता
• इस समय भारत जैसे विकासशील देश के माध्यमिक संसाधनों का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जाना आवश्यक है.
• भारत को आईएनआरपी की आवश्यकता इसलिए भी है क्योंकि विविध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बदल रही जीवनशैली में सहयोगी भूमिका देने एवं औद्योगिक उत्पादन के लिए कच्चे माल की उपलब्धता कराना भी है.
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