सैम पित्रौदा को वर्ष 2011 का अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union, आईटीयू) विश्व दूरसंचार एवं सूचना सोसायटी पुरस्कार देने का निर्णय लिया. इन्हें यह पुरस्का्र मानवता तथा सामाजिक एवं आर्थिक अधिकारिता के लिए बेहतर जीवन उपलब्ध कराने के एक माध्याम के रूप में आईसीटी को प्रोत्साहन देने के लिए उनके समर्पण की पहचान के रूप में दिया गया. राष्ट्रीय नवप्रर्वतन परिषद के अध्यक्ष सैम पित्रौदा इस पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय व्यक्ति है.
पित्रौदा को यह पुरस्कार 17 मई 2011 को एक समारोह में आईटीयू मुख्यालय जिनेवा में दिया जाना है. उन्होंने वर्तमान में आईसीटी उत्तोतलन द्वारा सरकार की समाविष्टा वृद्धि कार्यसूची को जारी करने में अनेक कार्यक्रम चला रखे हैं. उन्हें भारत की दूरसंचार क्रांति के लिए व्यापक रूप से जिम्मेदार माना जाता है. वर्ष 1980 के दशक के मध्य में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तकनीकी सलाहकार भी रहे हैं. उन्होंने केवल भारत में दूर संचार क्रांति की लौ जलाई बल्कि दूरसंचार, शिक्षा, दुग्धं उत्पादन, जल, प्रतिरक्षण, तिलहनों पर अनेक कार्यलक्ष्यों द्वारा समाज की भलाई एवं बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए मजबूत आधार भी तैयार किया.
विदित हो कि अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की शीर्ष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है. अपनी स्थापना की 146वीं जयंती के अवसर पर यह इस वर्ष 17 मई 2011 को डिजिटल क्रांति प्रवर्तित करने के लिए सामाजिक विकास हेतु आईसीटी के प्रयोग में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले महान व्यक्तियों को सम्मानित कर रही है.
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