बौद्ध संघ के अंतर्गत कुल छः बौद्ध परिषदें आयोजित की गयी थीं। इन सभी छ: बौद्ध परिषदों का विवरण नीचे दिया गया है।
प्रथम बौद्ध परिषद
प्रथम बौद्ध परिषद का आयोजन महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद ही 400 ई.पू. के आसपास मगध के शासक राजा अजातशत्रु के संरक्षण में आयोजित की गई थी। इस बौद्ध परिषद का आयोजन एक बौद्ध भिक्षु महाकश्यप की अध्यक्षता में किया गया था। परिषद का आयोजन राजगृह में स्थित सप्तपर्णी गुफा में आयोजित की गई थी। इस परिषद का मूल उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (सुत्त) और संघ के नियमों और कानूनों का संरक्षण करना था।. इसी लक्ष्य के साथ इस परिषद् का महाआयोजन किया गया था। इस परिषद् में बुद्ध के दो प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि उपस्थित थे। इस बौद्ध परिषद के दौरान ही बुद्ध की शिक्षाओं को दो पिटकों(सुतपीटक, विनयपिटक) में विभाजित किया गया था। आगे चलकर तीसरे बौद्ध परिषद् में तीसरे पीटक अभिधम्म पीटक को भी जोड़ा गया। इसी परिषद् में आनंद और उपालि क्रमशः सुत और विनयपिटक के प्रमाण माने गए।
द्वितीय बौद्ध परिषद
यह बौद्ध परिषद सुबुकामि की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। इसका आयोजन राजा कालाशोक के संरक्षण में वैशाली में 383 ईसा पूर्व में हुआ था।. इसी बौद्ध परिषद् में बुद्ध के अनुयायी दो भागो(महासंघिक या सर्वास्तिवादी और स्थविर या थेरवादी) में विभाजित हो गए। महासंघिक या सर्वास्तिवादी बुद्ध धर्म में परिवर्तन के समर्थक थे जबकि स्थविर या थेरवादी परिवर्तन के विरोधी थे।
तृतीय बौद्ध परिषद
यह परिषद् सम्राट अशोक के संरक्षण में पाटलिपुत्र में अशोकाराम विहार में 250 ईसा पूर्व में आयोजित हुई थी। इस परिषद् की अध्यक्षता मोगालिपुत्ततिस्स ने की थी। उल्लेखनीय है की इसी परिषद् में पिटकों में से तीसरे पिटक अभिधम्म पिटक को जोड़ा गया था।
चतुर्थ बौद्ध परिषद
चतुर्थ बौद्ध परिषद कश्मीर के कुण्डलवन में 102 ई. में आयोजित हुई थी। इस परिषद् की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी जबकि उपाध्यक्ष अश्वघोष थे। यह परिषद कुषाण राजा कनिष्क के संरक्षण में आयोजित हुई थी। इसी परिषद् में बौद्ध धर्म दो संप्रदायों अर्थात् महायान और हीनयान में विभाजित हो गया था।
पांचवा बौद्ध परिषद
पांचवा बौद्ध परिषद राजा मिन्दन के संरक्षण में वर्ष 1871 में बर्मा के मांडले, में आयोजित की गई थी। इस परिषद् की अध्यक्षता जगरभिवामसा, नारिन्धाभीधजा और सुमंगल्समी ने की थी। इस परिषद के दौरान, 729 पत्थरों के ऊपर बौद्ध शिक्षाओं को उकेरा गया था।
छठी बौद्ध परिषद
छठी बौद्ध परिषद बर्मा के काबा ऐ यांगून में 1954 में आयोजित की गई थी। इस परिषद् को बर्मा सरकार का संरक्षण मिला था। इस परिषद् की अध्यक्षता बर्मा के प्रधानमंत्री यू नू ने की थी। इस परिषद का आयोजन बौद्ध धर्म के 2500 वर्ष पूरे होने की स्मृति में किया गया था।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation