भारत का एक विचित्र स्कूल जहाँ बच्चे दोनों हाथो से लिखते हैं

Jun 28, 2018, 15:41 IST

दुनिया की लगभग 90 प्रतिशत आबादी लिखने के लिए अपने दाहिने हाथ का उपयोग करती है जबकि मात्र 10 प्रतिशत लोग ही अपने बाए हाथ का इस्तेमाल करते हैं परंतु क्या आपने कभी सोचा है या अपने आस पास ऐसे प्रतिभाशाली लोगो को देखा है जो लिखने में अपने दोनों हाथो का इस्तेमाल बड़ी कुशलता से करते हैं

Ambidexterous school in India HN
Ambidexterous school in India HN

दुनिया की लगभग 90 प्रतिशत आबादी लिखने के लिए अपने दाहिने हाथ का उपयोग करती है जबकि मात्र 10 प्रतिशत लोग ही अपने बाए हाथ का इस्तेमाल करते हैं परंतु क्या आपने कभी सोचा है या अपने आस पास ऐसे प्रतिभाशाली लोगो को देखा है जो लिखने में अपने दोनों हाथो का इस्तेमाल बड़ी कुशलता से करते हैं।

जी हाँ इस लेख में हम ऐसे ही कुशल लोगो की बात करने जा रहे है जिनकी संख्या पूरी दुनिया में मात्र 1 प्रतिशत ही है,

Ambidextrous

ऐसी ही अद्भुत कौशल शक्ति रखने वाले भारत में कुछ छात्र भी है जो की वीणा वडिनी विद्यालय, मध्य प्रदेश में स्थित सिंगरौली नामक जगह पर पढ़ते हैं।

8 जुलाई 1999 को एक पूर्व सैनिक वीपी शर्मा ने इस स्कूल की स्थापना की थी। पूर्व , राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के दोनों हाथों से लिखने की कला से प्रभावित होकर उन्होंने इस स्कूल की स्थापना की थी।

वीपी शर्मा के अनुसार कक्षा 1 से छात्रों को प्रशिक्षण देना शुरू किया जाता है और जब तक वे कक्षा 3 तक पहुँचते हैं तब तक वे दोनों हाथों से लिखनें में सहज महसूस करते हैं कक्षा 7 और 8 के छात्र गति और सटीकता के साथ लिख सकते हैं। इसके अलावा, वे एक साथ दो लिपियों को भी एक साथ लिख सकते हैं।

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इस विद्यालय के बारे में कुछ रोचक तथ्य

1. यह भारत का एक और एकमात्र 'ambidextrous' स्कूल है, जिसमें 150 से अधिक छात्र हैं, जो एक ही समय में दोनों हाथों से एक साथ लिखते हैं।
2. इन छात्रों के पास दोनों हाथों से लिखने की एक उच्च गति है और ये छात्र हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, अरबी और रोमन जैसी छह अलग-अलग भाषाओं में लिख सकते हैं।
3. ये छात्र एक या डेढ़ घंटे में तीन घंटे की लंबी परीक्षा पूरी कर सकते हैं
4. जब भी कोई नया बच्चा स्कूल में आता है, तो वह पहले एक हाथ से लिखना शुरू करता है, और उसे एक महीने के बाद अपने दूसरे हाथ का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है। उसके बाद, छात्रों को एक साथ दोनों हाथों का उपयोग करने के लिए सिखाया जाता है
5. 45 मिनट की कक्षा में, प्रत्येक छात्र उस विषय को 15 मिनट के लिए दोनों हाथों से लिखता है।

इस कौशल का किसी भी व्यक्ति में होना यह इंगित करता है की उस व्यक्ति के मस्तिष्क के बाएं और दाएँ पक्ष बहुत ज्यादा संतुलित हैं

डॉ राजेंद्र प्रसाद, लियोनार्डो दा विंची, बेन फ्रैंकलिन, और अल्बर्ट आइंस्टीन, इतिहास के कुछ सबसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व रहे हैं जो भारत में इन छात्रों के समान कौशल का हिस्सा हैं।

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Gaurav Kumar
Gaurav Kumar

Chief Manager

Gaurav Kumar leads content strategy and development for the US section, as well as the School and General Knowledge sections at JagranJosh.com. With over 18 years of experience in the education sector, Gaurav has held key positions at renowned organizations such as Galgotias College of Engineering, The Manya Group (The Princeton Review), and Jagran New Media. He is committed to delivering high-quality, engaging educational content and is passionate about leveraging Artificial Intelligence to enhance learning experiences. A strong advocate for the integration of technology in education, Gaurav is dedicated to driving innovation in the field. He can be reached at gaurav.kumar@jagrannewmedia.com

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