Chandra Grahan 2023: खगोलीय घटना की दुनिया में आज यानि 5 मई को एक बड़ी खगोलीय घटना हो रही है। यह घटना चंद्रग्रहण के रूप में देखने को मिलेगी। हालांकि, इस बार का चंद्रग्रहण अन्य चंद्रग्रहण से अलग है। क्योंकि, इस बार चांद पृथ्वी की उपच्छाया से गुजरेगा। यही वजह है कि इस बार के चंद्रग्रहण को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा जा रहा है। यह चंद्रग्रहण यूरोपीयों देशों के साथ भारत में भी देखा जा सकेगा। वहीं, चंद्रग्रहण से पहले सूतककाल भी शुरू हो गया है। इस लेख के माध्यम से हम सूतककाल के बारे में जानेंगे। साथ ही इस चीज को भी समझेंगे कि इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा क्या और क्या नहीं करना चाहिए।
कब है चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023 Time in India)
उपच्छाया वाला चंद्रग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और रात 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण को यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और एशिया में देखा जा सकेगा। यह इस साल का पहला चंद्रग्रहण है, जो कि काफी वर्षों के बाद देखने को मिल रहा है। इसके बाद अलगा चंद्रग्रहण इस साल 28 अक्टूबर को देखने को मिलेगा।
Check - Chandra Grahan 2023 Today Time
क्या होता है चंद्रग्रहण सूतक काल (Chandra Grahan Sutak Kaal)
सूतक ग्रहण के दौरान होता है। यह चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू होता है। दृग पंचांग के अनुसार, सूतककाल लगने के दौरान पृथ्वी का वातावरण पूरी तरह से दूषित हो जाता है। ऐसे में इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है।
क्या है चंद्रग्रहण सूतक काल की टाइमिंग (Chandra Grahan Sutak Kaal Time)
दृग पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण की स्थिति में यह 9 घंटे पहले शुरू होगा, जो कि 5 मई को 11 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगा। हालांकि, पंचांग के मुताबिक, साल 2023 के पहले चंद्रग्रहण में सूतककाल नहीं होगा।
सूतक में किन बातों का रखें ध्यान
कुछ मान्यताओं के मुताबिक, सूतककाल के दौरान किसी भी प्रकार का नया काम करने से बचना चाहिए। इस दौरान जरूरी न होने पर बाहर ट्रैवल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यदि इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो राहु और केतू की दशा का प्रभाव पड़ता है।
कितने किलोमीटर दूर होगा चांद
चंद्रग्रहण के दौरान चांद धरती से करीब 3 लाख 80 हजार किलोमीटर दूर होगा। कुछ शोधार्थियों का मानना है कि यह चांद और धरती की सबसे कम दूरी होगी। वहीं, सूपरमून घटना के दौरान चांद धरती के 20 हजार किलोमीटर और करीब आ जाता है, जिससे चांद और बड़ा दिखता है। भारत में नई दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई व चेन्नई समेत प्रमुख शहरों से इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा।
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