छत्रपति शिवाजी महाराज व उनके उत्तराधिकारियों को विस्तार से जानें

शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को हुआ था। उन्होंने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। उनके उत्तराधिकारियों, जिनमें उनके बेटे संभाजी महाराज और पोते शाहू महाराज शामिल थे, ने साम्राज्य के विस्तार और समेकन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Feb 19, 2025, 19:11 IST
छत्रपति शिवाजी महाराज
छत्रपति शिवाजी महाराज

क्या आपने कभी सोचा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को किसने आगे बढ़ाया? 1630 में जन्मे शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की।

वे एक शानदार रणनीतिकार, एक निडर योद्धा और एक न्यायप्रिय शासक थे। उनके शासन, सैन्य रणनीति और नौसैनिक ताकत ने उन्हें भारत के सबसे महान योद्धाओं में से एक बनाने का काम किया था।

1680 में शिवाजी की मृत्यु के बाद उनके बेटे संभाजी महाराज ने सिंहासन संभाला। वह बहादुर और दृढ़ निश्चयी थे, लेकिन मुगल साम्राज्य के खिलाफ लगातार युद्धों का सामना करना पड़ा।

उनके प्रतिरोध के बावजूद, उन्हें 1689 में पकड़ लिया गया और मार दिया गया। उनके छोटे सौतेले भाई राजाराम महाराज ने मराठों का नेतृत्व किया और स्वतंत्रता की लड़ाई जारी रखी। इस लेख में हम शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारियों के जीवन के बारे में जानेंगे। हम उनके संघर्षों, उपलब्धियों और उन्होंने मराठा साम्राज्य को कैसे मज़बूत रखा, इस पर भी चर्चा करेंगे। 

छत्रपति शिवाजी महाराज: मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था। उनके शुरुआती प्रशिक्षण में पढ़ना, लिखना, घुड़सवारी, मार्शल आर्ट और धार्मिक अभ्यास शामिल थे, जो एक जागीरदार के बेटे की अपेक्षाओं के अनुरूप था।

शिवाजी की शिक्षा सात साल की उम्र में शुरू हुई और वह जल्द ही पढ़ने-लिखने में कुशल हो गए। उन्होंने युद्ध, घुड़सवारी, कुश्ती और तलवारबाजी सीखी। बारह साल की उम्र तक वह विभिन्न शिक्षण शाखाओं और कलाओं से परिचित हो गए थे। शिवाजी ने हिंदू महाकाव्यों रामायण और महाभारत का पाठ सुना, जिसने उन्हें राजनीतिक और नैतिक पाठों से प्रभावित किया। 

व्यक्तिगत जीवन

शिवाजी महाराज ने कई बार शादी की, उनकी आठ पत्नियां थीं। साईबाई उनकी पहली पत्नी थीं, जिनसे उन्होंने 16 मई, 1640 को विवाह किया था। उनकी अन्य पत्नियों में सोयराबाई, पुतलाबाई, सकवरबाई गायकवाड़, काशीबाई जाधव, मोहिते, संगुनाबाई और पालकर शामिल थीं।

साईबाई ने उनके बेटे संभाजी और तीन बेटियों को जन्म दिया। सोयराबाई ने उन्हें राजाराम नाम का एक बेटा और दीपाबाई नाम की एक बेटी को जन्म दिया। माना जाता है कि उनकी लंबाई 5 फीट 6 इंच से 5 फीट 8 इंच के बीच थी, जो उस समय के पुरुषों के लिए औसत ऊंचाई थी।

सैन्य कैरियर

शिवाजी महाराज ने सोलह साल की उम्र में तोरणा किले पर कब्जा करके अपना सैन्य अभियान शुरू किया। उन्होंने मुगलों और अन्य विदेशी शक्तियों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं। शिवाजी महाराज द्वारा लड़ी गई कुछ बड़ी लड़ाइयों में शामिल हैं:

कोल्हापुर की लड़ाई (1655)

रायगढ़ की लड़ाई (1656)

प्रतापगढ़ की लड़ाई

पुरंदर की लड़ाई

सिंहगढ़ की लड़ाई

वडगांव की लड़ाई

ताकारी की लड़ाई

जिंजी की घेराबंदी

टोपपुर की लड़ाई

वाणी-डिंडोरी की लड़ाई

विरासत

शिवाजी महाराज का शासनकाल उनकी बहादुरी, अभिनव सैन्य रणनीति और प्रगतिशील शासन के लिए जाना जाता था। उन्हें 1674 में रायगढ़ किले में छत्रपति का ताज पहनाया गया था। शिवाजी की मृत्यु 3 अप्रैल, 1680 को हुई थी। हिंदवी स्वराज्य (भारतीय स्वशासन) की उनकी अवधारणा भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती है।

छत्रपति शिवाजी के उत्तराधिकारी: उनके बाद किसने गद्दी संभाली? 

मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक 1674 में हुआ और 1680 में उनकी मृत्यु हो गई। उनके तत्काल उत्तराधिकारी उनके पुत्र संभाजी थे, जिन्होंने 1681 से 1689 तक शासन किया। संभाजी की मृत्यु के बाद शिवाजी के दूसरे पुत्र राजाराम अगले शासक बने।

-संभाजी (1680-1689)

संभाजी महाराज ने शिवाजी का स्थान लिया और अपने पिता की विस्तारवादी नीतियों को जारी रखा। अपने शासनकाल के दौरान उन्हें औरंगजेब के नेतृत्व में मुगलों के आक्रमणों का सामना करना पड़ा। साथ ही, पुर्तगालियों, अंग्रेजों और जंजीरा सिद्धियों के आक्रमणों का भी सामना करना पड़ा। संभाजी को 1688 में मुगलों ने पकड़ लिया और इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार करने पर 11 मार्च, 1689 को उन्हें मार दिया गया।

-राजाराम (1689-1700)

संभाजी की मृत्यु के बाद राजाराम को अगले मराठा राजा का ताज पहनाया गया। उन्होंने लगातार मुगल हमलों का सामना किया और 1689 में वर्तमान तमिलनाडु के जिंजी में भागने के लिए मजबूर हो गए, जहां से 1698 में जिंजी के पतन तक मराठा संघर्ष जारी रहा। लगातार युद्ध से थके हुए राजाराम की 2 मार्च 1700 को सिंहगढ़ किले में मृत्यु हो गई।

शिवाजी द्वितीय और ताराबाई

राजाराम के बाद उनके नाबालिग बेटे शिवाजी द्वितीय ने राजगद्दी संभाली। उनकी मां ताराबाई ने रीजेंट के रूप में काम किया। हम्बीरराव मोहिते की बेटी और राजाराम की पत्नी ताराबाई ने मराठा मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

-साहू

साहू जिन्हें छत्रपति शाहू महाराज के नाम से भी जाना जाता है, शिवाजी द्वितीय के बाद अगले शासक थे। शाहू के शासनकाल के दौरान ही पेशवा सत्ता में आये। शाहू ने 1708 से 1749 तक शासन किया और सतारा को अपने राज्य की आधिकारिक राजधानी बनाया।

-सतारा और कोल्हापुर के छत्रपति

मराठा साम्राज्य में और भी उत्तराधिकारी आए, जिनमें सतारा और कोल्हापुर भी शामिल थे। सतारा के छत्रपतियों में शाहू प्रथम, राजाराम द्वितीय, शाहू द्वितीय, प्रतापसिंह और शाहजी शामिल हैं।

कोल्हापुर के छत्रपतियों में शिवाजी द्वितीय, संभाजी द्वितीय, शिवाजी तृतीय, संभाजी तृतीय, शिवाजी चतुर्थ, शाहजी प्रथम, शिवाजी पंचम, राजाराम द्वितीय, शिवाजी षष्टम, शाहू चतुर्थ, राजाराम तृतीय, शिवाजी सप्तम और शाहजी द्वितीय शामिल हैं।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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