उत्तर प्रदेश पूरे भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का करीब 7.33 फीसदी है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग उत्पादों का उत्पादन होता है।
इस वजह से जिलों को भी एक नई पहचान मिलती है, जिसमें इन जिलों को उनके उत्पाद द्वारा उपनाम मिल जाता है। इस कड़ी में एक जिला ऐसा भी है, जिसे मूंज का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह जिला, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
उत्तर प्रदेश का परिचय
उत्तर प्रदेश राज्य का गठन 24 जनवरी, 1950 को किया गया था। हालांकि, आज जिस जगह पर यह स्थित है, वहां हजारों साल पहले कौशल और पांचाल साम्राज्य हुआ करता था। इन सम्राज्यों के बाद यहां शर्की पहुंचे और उन्होंने यहां जौनपुर बसाया।
कुछ समय बाद यहां मुगल पहुंचे, तो उन्होंने जौनपुर के पास अवध सूबा बसाया। वहीं, जब ब्रिटिशों का शासन हुआ, तो उन्होंने यहां पास में उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया। कुछ समय बाद इसमें आगरा को मिला दिया गया और इसका नाम आगरा एवं अवध संयुक्त प्रांत हो गया। समय बदला और और यह संयुक्त प्रांत हो गया। वहीं, देश आजाद हुआ, तो यह उत्तर प्रदेश हो गया।
उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले हैं
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल, मध्य उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड शामिल है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में रोहिलखंड और बघेलखंड भी है।
उत्तर प्रदेश के चार दिशाओं के चार जिले
उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया है। सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, तो सबसे पश्चिमी जिला शामली है। वहीं, सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।
किस जिले को कहा जाता है मूंज का शहर
अब सवाल है कि कौन-सा जिला मूंज का शहर है, तो आपको बता दें कि प्रदेश के अमेठी जिले को हम मूंज के शहर के रूप में भी जानते हैं।
क्यों कहा जाता है मूंज का शहर
उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एक जनपद-एक उत्पाद के मुताबिक, ‘मूंज, प्राकृतिक रूप से बारहमास उगने वाली एक घास है, जिसे स्थानीय भाषा में "सरपत" के नाम से भी जाना जाता है। यह घास जनपद के निचले भूभागों में पायी जाती है।
यहां के स्थानीय लोग मूंज का प्रयोग विभिन्न घरेलू उत्पादों जैसे पावदान, थैले, स्टूल, रस्सी, पेन स्टैंड, कुर्सियां व मेज इत्यादि बनाने में करते हैं। इन उत्पादों के लिए वे किसी आधुनिक तकनीक का सहारा भी नहीं लेते।’ यहां मूंज प्रमुख उद्योग के रूप में शामिल है। ऐसे में इस जिले को लोग मूंज का शहर भी कहते हैं।
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