स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली के बीच क्या अंतर है?

सभी जीवित जीवों को विभिन्न जीवन प्रक्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इन सभी के लिए ऊर्जा का स्रोत भोजन है. यह विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध होता है. पोषण प्रणाली मुख्यत: दो प्रकार की होती है स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic).
पोषण (Nutrition) क्या है?
यह भोजन को ग्रहण करने और उससे ऊर्जा प्राप्त कर जीवन के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में परिवर्तित करने की एक प्रक्रिया है. या हम कह सकते हैं कि पोषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा पशु या पौधे खाद्य पदार्थों का उपयोग करते हैं. भोजन के माध्यम से जन्तु आवश्यक पोषक पदार्थ ग्रहण करते हैं. साथ ही आपको बता दें कि वे पदार्थ जो जंतुओं की जैविक क्रियाओं के संचालन के लिए आवश्यक होते हैं, ‘पोषक पदार्थ’ कहलाते हैं.
जैसा की हम जानते हैं कि पोषक तत्व पोषण प्रदान करते हैं. पोषक तत्वों के उदाहरण प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन, खनिज, फाइबर और पानी हैं. आहार में पोषक तत्वों का सही संतुलन होना भी आवश्यक है.
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स्वपोषी (Autotrophic) पोषण प्रणाली क्या है?
इस प्रकार के पोषण में, जीव सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सरल कार्बनिक पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी की मदद से अपना भोजन बनाते हैं. हरे पौधों में स्वपोषी (Autotrophic) पोषण प्रणाली होती है और ऐसे जीवों को ऑटोट्रॉफ़्स (Autotrophs) के रूप में जाना जाता है. |
ऑटोट्रॉफ़्स (Autotrophs) में एक हरे रंग का वर्णक होता है जिसे क्लोरोफिल (Chlorophyll) के रूप में जाना जाता है जो सूर्य की ऊर्जा को ट्रैप करने में मदद करता है. ऑटोट्रॉफ़्स सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन बनाते हैं और इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के रूप में जाना जाता है. यानी हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपने स्वयं के भोजन को संश्लेषित करते हैं. ऑटोट्रॉफ़ द्वारा निर्मित भोजन का उपयोग मानव और जानवरों द्वारा किया जाता है.
परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली क्या है?
कार्बन डाइऑक्साइड और पानी जैसी सरल जैविक सामग्री से, जानवर अपना भोजन बनाने में सक्षम नहीं हैं और इसलिए भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं. इस प्रकार की प्रणाली को परपोषी पोषण प्रणाली कहा जाता है. इसलिए, भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहने वाले जीवों को हेटरोट्रॉफ़्स या ‘परपोषी’ (Heterotrophs) के रूप में जाना जाता है. उदाहरण मनुष्य, कुत्ते, बिल्ली, इत्यादि, और यीस्ट जैसे कुछ गैर-हरे पौधे (Non-Green Plants). मूल रूप से, हेटरोट्रॉफ़ अपने भोजन के लिए पौधों या अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं. |
स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली के बीच अंतर
1. स्वपोषी या ऑटोट्रॉफ़्स प्लांट किंगडम के सदस्य होते हैं और साइनोबैक्टीरिया जैसे कुछ एककोशिकीय (Unicellular) जीव हैं. दूसरी ओर, परपोषी या हेटेरोट्रोफ़ सभी जानवरों के साम्राज्य (Animal Kingdom) के सदस्य होते हैं.
2. स्वपोषी में पोषण का तरीका यह है कि वे उत्पादक (Producers) हैं और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के साथ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करते हैं. जबकि परपोषी या हेटरोट्रॉफ़ में पोषण का तरीका यह है कि वे उपभोक्ता (Consumers) हैं जो अपने भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं.
3. ऑटोट्रॉफ़्स को फोटोऑटोट्रॉफ़्स (Photoautotrophs) और केमोआटूटोट्रॉफ़्स (Chemoautotrophs) में वर्गीकृत किया जा सकता है. और हेटरोट्रॉफ़्स को फोटोहेटरोट्रॉफ़्स (Photoheterotrophs) और केमोहेटरोट्रोफ़्स (Chemoheterotrophs) में वर्गीकृत किया जा सकता है.
4. खाद्य श्रृंखला (Food Chain) में, ऑटोट्रॉफ़ सबसे कम ट्रॉफिक लेवल (Trophic Level) बनाते हैं जबकि हेटरोट्रॉफ़ दूसरे या तीसरे ट्रॉफ़िक स्तर (Trophic Level) बनाते हैं.
5. ऑटोट्रॉफ़ उत्पादक और हेटरोट्रोफ़ उपभोक्ताओं के रूप में कार्य करते हैं.
6. कुछ ऑटोट्रॉफ़्स में, सौर ऊर्जा को संग्रहीत किया जा सकता है, जबकि हेटरोट्रॉफ़्स में, सौर ऊर्जा भंडारण या उपयोग संभव नहीं है.
7. ऑटोट्रॉफ़्स में, क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) भोजन तैयार करने में मदद करता है जबकि हेटरोट्रॉफ़्स में क्लोरोप्लास्ट नहीं होता है इसलिए वे अपना भोजन तैयार नहीं कर पाते हैं.
8. ऑटोट्रॉफ़्स प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके अकार्बनिक स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करते है जबकि हेटरोट्रोफ़ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अन्य जीवों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं.
9. ऑटोट्रॉफ़ अपने स्थान से नहीं जा सकते हैं यानी वह अपने स्थान पर ही रहते हैं जबकि भोजन और आश्रय की तलाश में हेटरोट्रोफ़ एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं.
10. ऑटोट्रोफ्स के उदाहरण हरे पौधे, शैवाल और कुछ प्रकाश संश्लेषक जीवाणु हैं. हेटरोट्रॉफ़ के उदाहरण हैं गाय, भैंस, बाघ, इंसान, इत्याद्दी.
इसलिए, स्वपोषी या ऑटोट्रॉफ़्स और परपोषी या हेटरोट्रॉफ़्स के बीच मुख्य अंतर यह है कि स्वपोषी प्रकाश संश्लेषण की मदद से अपना भोजन बनाने में सक्षम होते हैं जबकि परपोषी नहीं.
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