Cost और Price में क्या होता है अंतर, जानें

हम बाजार में जब भी कुछ खरीदते या सेवा लेते हैं, तो सबसे पहले उसके दाम के बारे में पूछते हैं। इस वक्त पर हमारा सामना Cost और Price जैसे शब्दों से होता है। हालांकि, इन दोनों शब्दों में ही अंतर है। क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर पता है। यदि नहीं, तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इन दोनों के बीच अंतर बताएंगे।
कॉस्ट और प्राइज में अंतर
कॉस्ट और प्राइज में अंतर

बाजार में जब भी हम कुछ सामान खरीदते हैं या फिर कोई सेवा लेने के बारे में विचार करते हैं, तो सबसे पहले हम उसके दाम के बारे में पूछते हैं। इस समय पर हमारा सामना Cost और Price जैसे शब्दों से होता है और हम मोलभाव करने लगते हैं। हालांकि, दुकानदार या सेवा प्रदाता की ओर से कई बार हमें Cost और Price का गणित समझाया जाता है और हम अधिक मोलभाव नहीं कर पाते हैं। Cost और Price दोनों ही शब्दों का अर्थ अलग-अलग है, जो कंपनी के साथ-साथ ग्राहक दोनों के लिए ही जरूरी है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Cost और Price के बीच मौजूद अंतर को बताएंगे। जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 



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क्या होती है Cost

किसी कंपनी द्वारा जब किसी उत्पाद का निर्माण किया जाता है या फिर कोई सेवाप्रदाता कंपनी कोई नई सेवा शुरू करती है, तो वह सबसे पहले यह देखती है कि उस उत्पाद या सेवा को बनाने में कंपनी द्वारा कितना खर्च किया जा रहा है। इसमें विभिन्न कारकों को शामिल किया जाता है, जिससे किसी भी वस्तु या सेवा की Cost तय होती है। Cost में शामिल होने वाले कारकों में कर्मचारियों का मेहनाताना, कच्चे माल की कीमत, मशीन का खर्च, ट्रांसपोर्टेशन व आपूर्ति में आने वाले अन्य खर्च शामिल होते हैं। इन सभी चीजों को जोड़कर कंपनी प्राइज तय करती है और अपना मार्जिन निकालती है, जिससे वह कमाई कर सके। 

 

क्या होता है Price

बाजार में मौजूद हर वस्तु या सेवा एक Price के तहत मिलती है। यह वह है, जो एक ग्राहक उस वस्तु या सेवा को लेने के लिए देता है। इसके बाद में वह सेवा या उत्पाद उसका हो जाता है। हालांकि, यह मार्जिन तय होने के बाद ही तय किया जाता है, जिससे कंपनी को लाभ होता है।

 

 

Cost और Price में प्रमुख अंतर

-Cost में लेबर, कच्चा माल और अन्य खर्चे शामिल होते हैं, जबकि  Price वह है, जो एक ग्राहक को उत्पाद या सेवा के बदले में देना होता है।

 

-Cost में मार्जिन शामिल नहीं होता है,  जबकि Price में मार्जिन शामिल होता है।

 

-Cost पर बाजार में मांग और आपूर्ति का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता, जबकि Price में मांग और आपूर्ति में बदलाव होने की वजह से प्रभाव पड़ता है। 

 

-Cost किसी भी उत्पाद के बाजार में बिकने से पहले तय हो जाती है, जबकि Price बाजार में पहुंचने का बाद तय होता है। कंपनियां कोशिश करती हैं कि Cost को कम से कम रखा जाए, जिससे अधिक मार्जिन कमाया जा सके। 

 

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