हम अपने रोजमर्रा के कामों में Soap और Detergent का इस्तेमाल करते हैं। हाथों को धोने से लेकर नहाने और कपड़ों से गंदगी साफ करने के लिए इन दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। दोनों ही चीजों के बनाने और इस्तेमाल का तरीका अलग-अलग है। क्या आपको पता है कि Soap और Detergent किन पदार्थों से बने होते हैं। इन्हें बनाने में किन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इन दोनों में क्या-क्या प्रमुख अंतर पाए जाते हैं। इन्हीं सब सवालों का जवाब जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
क्या होता है Soap

Soap एक सफाई एजेंट होता है, जो कि एनिमल फैट और सब्जियों के तेल से बना होता है। इसे बनाने के लिए फैटी एसिड को NaOH के घोल के साथ गर्म किया जाता है। यह एक प्रकार की केमिकल प्रक्रिया होती है, जिसे Saponification कहा जाता है। केमिकल प्रक्रिया पूरी होने पर अंत में ग्लीसरोल प्राप्त होता है, जिससे साबुन तैयार हो जाता है।
क्या होता है Detergent

Detergent भी एक क्लीनिंग एजेंट होता है, जो कि Synthetic Surfactants से बना होता है। इसका इस्तेमाल किसी भी फैब्रिक या कपड़े से गंदगी या दाग हटाने के लिए किया जाता है। इसे बनाने के लिए पेट्रोलियम केमिकल जैसे lauryl Alcohol को Sulphuric Acid के साथ मिलाकर सोडियम नमक में परिवर्तित किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद डिटर्जेंट तैयार हो जाता है। वर्तमान में विभिन्न कंपनियां इसमें अलग-अलग केमिकल मिलाकर अधिक सफाई करने वाले डिटर्जेंट के रूप में प्रचार-प्रसार कर दावा करती हैं।
Soap और Detergent में क्या होता है प्रमुख अंतर
-Soap प्राकृतिक उत्पादों से बना होता है, जिसमें एनिमल फैट से लेकर सब्जियों के तेल का उपयोग किया जाता है, जबकि Detergent में सिंथेटिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि बायोडिग्रेडेबल नहीं होती हैं।
-Soap पोटेशियम साल्ट वाले लंबी चेन के फैटी एसिड होते हैं, जैसे ओलिक एसिड और पाल्मिटिक एसिड वहीं, Detergent अमोनियम और सॉल्फोनेट के लंबी चेन वाले कार्बोसिलिक एसिड होते हैं।
-Soap आसानी से बायोडिग्रेड हो जाते हैं, जबकि Detergent आसानी से बायोडिग्रेड नहीं होते हैं।
-Soap Hard Water में झाग बनाने में असमर्थ होते हैं, जबकि Detergent के साथ ऐसा नहीं है। ये Hard Water में भी झाग बना लेते हैं।
किस तरह काम करते हैं Soap और Detergent
Soap और Detergent के Molecule का एक छोर Hydrophilic नेचर का होता है, जो कि पानी को आकर्षित करता है, जबकि दूसरा छोर Hydrophobic नेचर का होता है। यह चिकनाई को आकर्षित करता है। उदाहरण के तौर पर, जब भी हम अपने हाथों को धोते हैं, तो साबुन मलने पर उसके झाग में हाथों की गंदगी भी मिल जाती है, वहीं, Hydrophilic नेचर की वजह से पानी के साथ वह गंदगी निकल जाती है।
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