Napkin और Tissue paper में क्या होता है अंतर, जानें

May 17, 2023, 12:30 IST

Napkin और Tissue paper दोनों ही डिस्पोजेबल पेपर प्रोडक्ट हैं। हालांकि, दोनों का अलग-अलग प्रयोग है। हम अपने दैनिक जीवन में अक्सर इन उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कई लोग इनके बीच अंतर को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम इन दोनों के बीच अंतर को जानेंगे। 

Napkin और Tissue paper में अंतर
Napkin और Tissue paper में अंतर

Napkin और Tissue paper दोनों ही पेपर उत्पाद हैं, जिसका प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में अक्सर करते हैं। किसी भी रेस्तरां जाना हुआ या फिर किसी पार्टी में, अक्सर ये दोनों उत्पाद हमें मिल जाते हैं। वहीं, ऑफिस की मीटिंग हो या फिर कोई कॉफी शॉप, इन जगहों पर भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। ये दोनों उत्पाद ही डिस्पोजेबल हैं। हालांकि, कई लोग इन दोनों के बीच अंतर को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। किस तरह बनते हैं Napkin और Tissue paper और इन दोनों में क्या होता है अंतर। हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे। 

 

क्या होता है Napkin 

एक पेपर नैपकिन को कपड़े या कागज से तैयार किया जाता है। टीश्यू पेपर की तुलना में इसकी मोटाई थोड़ी अधिक होती है। किसी भी रेस्तरां या होटल में खाना खाते समय यह ग्राहकों को उनकी गोद में रखने के लिए दिया जाता है, जिससे खाना ग्राहकों के कपड़ों पर न गिरे। इसके साथ ही यह घरों और रेस्तरां में मुंह और हाथ पोछने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कुछ जगहों पर लिनन से बने नैपकिन को दिया जाता है। आपको यह भी बता दें कि टीश्यू पेपर की तुलना में इसका साइज बड़ा होता है। 

 

क्या होता है Tissue paper

टीश्यू पेपर को एक पतले कागज से तैयार किया जाता है, जो कि आमतौर पर सफेद रंग का होता है। यह डिस्पोजेबल होता है, यानि यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है और लोग इसका आसानी से रूमाल की तरह हाथ और मुंह पोछने के लिए इस्तेमाल करते हैं। आपको यह भी बता दें कि कुछ टीश्यू पेपर का गिफ्ट को पैक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि इनका रंग सफेद न होकर यह अलग-अलग रंग में उपलब्ध होते हैं। नैपकिन की तुलना में इनकी मोटाई कम होती है। इसके साथ ही गुणवत्ता के हिसाब से यह कम दाम में भी उपलब्ध हो जाता है। उदाहरण के तौर पर, स्ट्रीट फूड के दौरान आपको सबसे अधिक टीश्यू पेपर का प्रयोग देखने को मिल जाएगा। 

 

Napkin और Tissue paper में प्रमुख अंतर

 

-Napkin की मोटाई अधिक होती है और इसका दाम भी अधिक पड़ता है। वहीं, Tissue paper की मोटाई कम होती है और इसका दाम कम होता है।

 

-Napkin कागज के साथ-साथ कपड़े के भी मिल जाएंगे, लेकिन Tissue paper आमतौर पर कागज से ही तैयार किया जाता है। 

 

-Napkin का अधिक प्रयोग होटल व रेस्तरां से लेकर लोकल स्तर पर देखने को मिलता है, जबकि Tissue paper का अधिक इस्तेमाल लोकल स्तर पर ही होता है। 

 

-Napkin को धोकर फिर से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन Tissue paper को एक बार इस्तेमाल करने पर फिर से प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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