ISRO Chairman Name 2025: अंतरिक्ष विभाग द्वारा 7 जनवरी को इसरो को लेकर अहम घोषणा की गई है। विभाग द्वारा भारतीय रॉकेट प्रोप्लशन एक्सपर्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. वी नारायणन को इसरो का अगला मुखिया यानि कि चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वह आगामी 14 जनवरी, 2025 को एस. सोमनाथ से पदाभार ग्रहण करेंगे। इस लेख के माध्यम से हम डॉ. वी नारायण की शिक्षा, करियर व उपलब्धियों के बारे में जानेंगे।
Latest ISRO Chairman: डॉ. वी. नारायणन का प्रारंभिक जीवन
डॉ. वी नारायणन का जन्म तमिलनाडू के कन्याकुमारी जिले के मेलाकट्टू गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा यहां से पूरी करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा में फर्स्ट रैंक हासिल किया। साथ ही, उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एसोसिएट मेंबरशिप भी हासिल की।
IIT से किया M.Tech
डॉ. वी. नारायणन ने IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनयिरिंग में एम. टेक किया। यहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल हासिल किया। साथ ही, अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करते हुए उन्होंने Ph.D की डिग्री भी हासिल की।
निजी क्षेत्र में किया है काम
ISRO से जुड़ने से पहले डॉ. नारायणन ने करीब 1.5 साल तक निजी क्षेत्र में काम किया है। इस दौरान उन्होंने टीआई डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) जैसी पीएसयू में भी काम किया।
1984 में ISRO किया ज्वाइन
डॉ. नारायणन ने 1984 में ISRO ज्वाइन किया। यहां उन्होंने प्रारंभिक तौर पर ऑगमेंटेड सैटेलाइट लांच व्हीकल (ASLV) और रोहिणी साउंडिंग रॉकेट्स के लिए सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम के विकास में योगदान दिया।
डॉ. नारायणन की प्रमुख भूमिकाएं
-साल 2018 की जनवरी में उन्हें लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया।
-जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III (GSLV Mk III) C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक रहे और C25 क्रायोजेनिक स्टेज के विकास का नेतृत्व किया।
भारत के अंतरिक्ष अभियानों में भूमिका
-चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3
-प्रोपल्शन सिस्टम (L110 लिक्विड स्टेज और C25 क्रायोजेनिक स्टेज) के विकास का नेतृत्व किया।
-चंद्रयान-2 के लिए राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता की और चंद्रयान-3 की सफलता में योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए।
-गगनयान कार्यक्रम
-मानव-युक्त LVM3 वाहन और इस मिशन के लिए मानव-युक्त प्रोपल्शन सिस्टम विकसित करने में योगदान दिया।
-टेस्ट व्हीकल (TVD1) मिशन के मिशन रेडीनेस रिव्यू के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और क्रू एस्केप सिस्टम के सफल प्रदर्शन की देखरेख की।
सम्मान और पुरस्कार
-स्वर्ण पदक: एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा।
-ASI पुरस्कार: रॉकेट और संबंधित प्रौद्योगिकियों के लिए।
-ISRO पुरस्कार:
-उत्कृष्ट उपलब्धि पुरस्कार।
-प्रदर्शन उत्कृष्टता पुरस्कार।
-टीम उत्कृष्टता पुरस्कार।
राष्ट्रीय सम्मान:
-राष्ट्रीय डिजाइन पुरस्कार (2019) नेशनल डिजाइन एंड रिसर्च फोरम ऑफ इंजीनियर्स द्वारा।
-राष्ट्रीय एरोनॉटिकल पुरस्कार (2019) एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (AeSI) द्वारा।
-शैक्षणिक सम्मान:
-सथ्यभामा यूनिवर्सिटी, चेन्नई से विज्ञान में मानद डॉक्टरेट (Honoris Causa)।
-IIT खड़गपुर से 2018 का विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार।
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