एंथनी जॉन लुईस MBE (25 फरवरी 1942 - 15 मार्च 2020) एक गणितज्ञ थे, जिन्होंने फ्रैंक डकवर्थ के साथ, सीमित ओवरों के क्रिकेट मैचों में टारगेट को रीसेट करने का डकवर्थ-लुईस तरीका विकसित किया था. इस फोर्मुले का प्रयोग वर्ष से बाधित मैच में किया जाता है.
टोनी लुईस के बारे में व्यक्तिगत जानकारी (Personal Information about Tony Lewis)
नाम : एंथनी जॉन लुईस (MBE)
जन्म तिथि: 25 फरवरी 1942
जन्म स्थान: बोल्टन, लंकाशायर, ब्रिटेन
मृत्यु: 15 मार्च 2020 (आयु 78 वर्ष)
व्यवसाय: गणितज्ञ
प्रसिद्धि: डकवर्थ-लुईस विधि के लिए जाना जाता है.
टोनी लुईस का निजी जीवन (Personal life of Tony Lewis)
लुईस का जन्म बोल्टन, लंकाशायर, ब्रिटेन में हुआ था, उन्होंने किरखम ग्रामर स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ली थी. इसके बाद उन्होंने शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय से गणित और सांख्यिकी में स्नातक डिग्री हासिल की थी.
लुईस ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट ऑफ़ इंग्लैंड (UWE) में एक लेक्चरर के पद पर कार्य किया था. जनवरी 2008 में, वह ऑक्सफोर्ड ब्रूक्स विश्वविद्यालय से मात्रात्मक अनुसंधान विधियों (Quantitative Research Methods) में एक लेक्चरर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.
लुईस को 2010 में उनके बर्थडे सम्मान में 'ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (MBE)'का सदस्य नियुक्त किया गया था. यह ब्रिटेन का एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जिसे ब्रिटिश राजशाही द्वारा उन लोगों को दिया जाता है जो प्रमुख राष्ट्रीय या क्षेत्रीय उपलब्धियाँ हासिल करते हैं.
डकवर्थ-लुईस विधि का अविष्कार (Invention of Duckworth-Lewis Method)
1980 के दशक में, फ्रैंक डकवर्थ ने एक जटिल नियम गणना का प्रस्ताव दिया था जिसे 1992 के क्रिकेट विश्व कप के बाद, कमेंटेटर क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिन्स ने इस मेथड को और सही बनाने के लिए कहा था.
इसी बीच टोनी लुईस ने डकवर्थ द्ववारा 1992 में पब्लिश किये गए पेपर के लेख "Fair Play in Foul Weather" को पढ़ा. इसके बाद दोनों ने इस मेथड पर मिलकर काम किया और डकवर्थ लुईस नियम बनाया. जिसे आईसीसी द्वारा आधिकारिक रूप से 1999 ईस्वी में वर्षा से प्रभावित एकदिवसीय मैचों में लक्ष्य निर्धारित करने के लिए मान्यता दी गई थी.
नवम्बर 2014 में फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस की सेवानिवृत्ति के बाद स्टीव स्टर्न को डकवर्थ लुईस नियम का संरक्षक नियुक्त किया गया था और इस नियम का नाम बदलकर डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम (Duckworth–Lewis–Stern method) कर दिया गया था.
डकवर्थ-लुईस विधि क्या है? (What is Duckworth-Lewis Method)
डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम(Duckworth–Lewis–Stern method) के अनुसार क्रिकेट में दोनों टीमों के पास रन बनाने के लिए दो साधन मौजूद होते हैं-
1. बचे हुए विकेट
2. कुल बचे हुए ओवर
वर्षा से बाधित मैच में फैसला इन्हीं दो साधनों की टीम के पास उपलब्धता के आधार पर होता है. इस Duckworth-Lewis Method के आधार पर यह पता लगाया जाता है कि मैच बंद होने या वर्षा आने के समय किस टीम के पास कितने साधन उपलब्ध थे? जिस टीम के पास ज्यादा साधन बचे होते हैं उसको विजेता घोषित किया जाता है.
फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस द्वारा खोजा गया Duckworth-Lewis Method क्रिकेट के खेल को पारदर्शी बनाता है. इससे मैच का फैसला होने में पारदर्शिता रहती है. लेकिन कई बार इसके ऊपर सवाल भी उठाये जाते रहे हैं.
अतः सारांश में यह कहना ठीक होगा कि टोनी लुईस ने इस Duckworth-Lewis Method को बनाकर क्रिकेट को रोचक बनाने का सराहनीय कार्य किया है, उन्हें इस सराहनीय काम के लिए हमेशा याद रखा जायेगा.
डकवर्थ लुईस नियम क्या है और क्रिकेट में इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
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