Endangered Species Day 2020: यह कब और क्यों मनाया जाता है?

May 15, 2020, 10:41 IST

Endangered Species Day 2020: इस वर्ष 15वाँ वार्षिक लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जा रहा है. यह मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है. इस वर्ष लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 15 मई को मनाया जा रहा है. आइये इस दिन के पीछे के इतिहास, यह कैसे मनाया जाता है, और लुप्तप्राय प्रजातियां क्या होती हैं के बारे में इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Endangered Species Day
Endangered Species Day

Endangered Species Day 2020: COVID-19 के कारण, इसे ऑनलाइन कार्यक्रमों, डिजिटल क्रियाओं और व्यक्तिगत गतिविधियों के माध्यम से मनाया जा रहा है. यह दिन हमें सभी उम्र के लोगों को लुप्तप्राय प्रजातियों और उनकी रक्षा के तरीकों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है.

यह दिन लुप्तप्राय प्रजातियों, उनके आवासों की रक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाता है. इसलिए, लुप्तप्राय प्रजाति दिवस हमारे राष्ट्र की लुप्तप्राय प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय संरक्षण प्रयासों को मान्यता देता है. कई आयोजन और युवा प्रतियोगिता विभिन्न वन्यजीव रिफ्यूजी, चिड़ियाघर, पार्क, सामुदायिक केंद्र, एक्वैरियम, वनस्पति उद्यान, पुस्तकालय, स्कूल और कॉलेज इत्यादि में आयोजित किये जाते हैं.

“Living wild species are like a library of books still unread. Our heedless destruction of them is akin to burning that library without ever having read its books.” ― John Dingell

लुप्तप्राय प्रजातियां क्या हैं?

जब से पृथ्वी पर जीवन शुरू हुआ है, पर्यावरण की भौतिक और जैविक स्थितियों के बदलने के कारण कई जीव आए और चले गए या विलुप्त हो गए हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि यह प्रकृति का नियम है कि विलुप्त होना स्वाभाविक है और ऐसा होना जारी भी रहेगा. लेकिन वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि अतीत की पृष्ठभूमि दर की तुलना में प्रजातियों के विलुप्त होने की वर्तमान दर बहुत अधिक है. यह एक चिंता का विषय है.

इसलिए, हम कह सकते हैं कि लुप्तप्राय प्रजातियां ऐसी प्रजातियां हैं जो अपनी आबादी में अचानक तेजी से कमी या अपने महत्वपूर्ण निवास स्थान के नुकसान के कारण विलुप्त होने के जोखिम में हैं. विलुप्त होने की आशंका वाले पौधों या जानवरों की प्रजातियों को एक लुप्तप्राय प्रजाति कहा जा सकता है.

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लुप्तप्राय प्रजाति दिवस: इतिहास

1960 और 1970 के दशक में पर्यावरण और संरक्षण के साथ जानवरों की भलाई पर चिंता प्रकट हुई. 1973 की लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम को 28 दिसंबर को कानून के रूप में हस्ताक्षरित किया गया था ताकि सभी जीव प्रजातियों के लिए वन्यजीव संरक्षण और बहाली के प्रयासों को महत्व दिया जा सके. ऐसा कहा जाता है कि लुप्तप्राय प्रजाति दिवस पहली बार 2006 में अमेरिकी सीनेट द्वारा बनाया गया था.

उस समय प्रजातियों को बचाने के लिए कई प्रयास किए गए थे और इसके कारण विलुप्त होने की सैकड़ों प्रजातियों को गंजा ईगल की तरह बचाया गया था. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के अनुसार, पिछले दो दशकों में लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची दोगुनी से अधिक हो गई है.

किसी भी प्रजाति को लुप्तप्राय कब कहा जाता है?

विभिन्न सरकार और स्थानीय संगठनों के पास प्रजातियों के लिए निर्णय लेने का अपना मापदंड है कि यह लुप्तप्राय है या नहीं. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) दुनिया भर में लुप्तप्राय प्रजातियों की सबसे व्यापक सूची रखता है. 

IUCN के अनुसार, एक लुप्तप्राय प्रजाति वह है जो नीचे दिए गए मानदंडों में से किसी एक को पूरा करती है:

- 10 वर्षों में 50-70% आबादी अगर कम हो जाती है.

- कुल भौगोलिक क्षेत्र 5,000 वर्ग किलोमीटर से कम या स्थानीय जनसंख्या क्षेत्र 500 वर्ग किलोमीटर से कम का होना.

- 2,500 से कम वयस्कों की आबादी का आकार.

- 250 वयस्कों की प्रतिबंधित आबादी या एक सांख्यिकीय भविष्यवाणी कि यह अगले 20 वर्षों के भीतर विलुप्त हो जाए.

IUCN की लाल सूची एक लुप्तप्राय प्रजाति की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करती है. IUCN के अनुसार, 31,000 से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है. यह सभी मूल्यांकित प्रजातियों का 27% है.

विलुप्त होने के कारक हैं:

विलुप्त होने के सामान्य कारक हैं:

- मानव हस्तक्षेप(Human intervention)

- आवास खोना (Loss of habitat)

- पर्यावरण में विदेशी प्रजातियों का परिचय (Introduction of foreign species into the environment)

- अधिक शिकार करना (Overhunting)

- प्रदूषण (Pollution)

- रोग (Disease)

- आनुवंशिक भिन्नता का नुकसान (Loss of genetic variation)

- वनों की कटाई (Deforestation)

- जलवायु परिवर्तन (Climate Change) इत्यादि.

लुप्तप्राय प्रजाति दिवस कैसे मनाया जाता है?

- लुप्तप्राय प्रजाति दिवस इवेंट में भाग लेकर.

- अपना फेसबुक कवर फोटो अपडेट करें.

- अपने दोस्तों और परिवार के साथ लुप्तप्राय प्रजाति दिवस के बारे में वन्यजीव संदेश या कहानी साझा करें.

- बच्चों को जैव विविधता और संरक्षण के बारे में जानने में मदद करें.

- पौधों, जानवरों इत्यादि को बचाने की जरूरत है और इनको बचाएं.

इस वर्ष COVID-19 के कारण सेलिब्रेशन ऑनलाइन हो रहा है. यह ऑनलाइन इवेंट्स, डिजिटल क्रियाओं और व्यक्तिगत गतिविधियों के माध्यम से मनाया जा रहा है.

इसलिए, यह सतर्क रहने का समय है और हमें मिलकर वन्यजीवों, लुप्तप्राय प्रजातियों, जैव विविधता और संरक्षण के महत्व के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने की दिशा में काम करना चाहिए. लुप्तप्राय प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर क्यों हैं? इसके पीछे क्या कारण हैं? इसे समझना आवश्यक है. इसमें कोई संदेह नहीं कि विलुप्त होने की प्रकृति की एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन कुछ अन्य कारणों के कारण, दशकों में विलुप्तता बढ़ रही है. एक दिन आएगा जब हम बाघ, हाथी, चील इत्यादि नहीं देख पाएंगे.

“We all have a responsibility to protect endangered species, both for their sake and for the sake of our own future generations.” - Loretta Lynch

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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