भारत का सबसे ऊंचा झरना कौन-सा है, यहां देखें जवाब

कर्नाटक के शिमोगा में स्थित कुंचिकल जलप्रपात की ऊंचाई 455 मीटर है, जो इसे भारत का सबसे ऊंचा और एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात बनाता है। वाराही नदी से इस झरने का उद्गम होता है। यह नदी ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होकर सीढ़ीनुमा ढंग से बहती है, जो मानसून के दौरान विशेष रूप से अद्भुत लगती है। यह कम व्यावसायिक है तथा प्रकृति के बीच शांतिपूर्ण प्रवास का अवसर प्रदान करता है।

Jun 21, 2025, 20:53 IST
भारत का सबसे ऊंचा झरना
भारत का सबसे ऊंचा झरना

भारत का सबसे बड़ा झरना कुंचिकल झरना है, जो कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित है। यह वाराही नदी द्वारा निर्मित है और लगभग 455 मीटर (1,493 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह भारत का सबसे ऊंचा और एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है।

भौगोलिक स्थिति: कुंचिकल जलप्रपात शिमोगा जिले में हुलीकल गांव के निकट स्थित है, जो वाराही नदी द्वारा निर्मित दुर्गम भूभाग से घिरा हुआ है।

झरने का प्रकार: यह एक सीढ़ीनुमा झरना है, जहां पानी कई स्पष्ट चरणों में गिरता है, जिससे एक अद्भुत झरना प्रभाव पैदा होता है।

परिवेश: यह झरना हरियाली के बीच स्थित है, जिसका अद्भुत नजारा होता है। विशेष रूप से मानसून के महीनों के दौरान जब पानी का प्रवाह अधिकतम होता है, यह दिखने में सुंदर लगता है। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक दृश्यों और विविधता के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि पास की अगुम्बे घाटी, जहां भारत का एकमात्र स्थायी वर्षावन अनुसंधान केंद्र है।

क्या है झरने का महत्त्व

ऊंचाई और रैंकिंग: 455 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कुंचिकल फॉल्स अन्य प्रसिद्ध भारतीय झरनों जैसे जोग फॉल्स (253 मीटर) और नोहकलिकाई फॉल्स (340 मीटर) से ऊपर है। यह भारत का सबसे ऊंचा और एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है।

अनुभव और पर्यटन: कुंचिकल जलप्रपात न केवल घूमने के लिए एक अच्छी जगह है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। यह झरना एक शानदार विश्राम स्थल और अछूते प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है।

जलवैज्ञानिक प्रभाव: झरने का पानी अंततः मणि बांध जलाशय में चला जाता है, जिसका नीचे की ओर जल प्रवाह की दर और परिमाण पर प्रभाव पड़ता है।

ये हैं अन्य प्रमुख झरनें

झरना

जगह

ऊंचाई (मीटर/फुट)

प्रकार

कुंचिकल जलप्रपात

शिमोगा, कर्नाटक

455 मीटर (1493 फीट)

स्तरित

बरेहिपानी जलप्रपात

मयूरभंज, ओडिशा

399 मीटर (1309 फीट)

2-स्तरीय

नोहकालीकाई जलप्रपात

पूर्वी खासी हिल्स, मेघालय

340 मीटर (1115 फीट)

डुबकी

जोग जलप्रपात

शिमोगा, कर्नाटक

253 मीटर (830 फीट)

झरना

वज्रय जलप्रपात

सतारा, महाराष्ट्र

260 मीटर (853 फीट)

3-बहुस्तरीय


कुंचिकल झरने के बारे में रोचक तथ्य

कुंचिकल जलप्रपात वाराही नदी द्वारा निर्मित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका मार्ग चट्टानी क्षेत्रों के बीच से कठिन है।

इस झरने का सबसे अच्छा दृश्य मानसून के दौरान दिखता है, जब पानी का प्रवाह अपने चरम पर होता है।

हालांकि, कुंचिकल जलप्रपात बहुत भव्य है, फिर भी इसका व्यवसायीकरण अन्य लोकप्रिय जलप्रपातों जैसे जोग जलप्रपात की तरह नहीं किया गया है, और इसलिए यह उन पर्यटकों के लिए एक खजाना है, जो शांति की तलाश में हैं।

यदि संक्षेप में कहें, तो कुंचिकल जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा जलप्रपात है। इसकी ऊंचाई 455 मीटर है। यह स्तरित जलप्रपात कर्नाटक के शिमोगा जिले में पाया जाता है। इसका निर्माण वाराही नदी द्वारा हुआ था। इसकी विशाल ऊंचाई और प्राकृतिक भव्यता इसे भारत के विविध भूगोल में एक उत्कृष्ट स्थल बनाती है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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