तन और मन के मिलन को ही योगा कहा जाता है। यह वह क्रिया है, जिसमें तन की शक्ति का मन की शक्ति से मिलन होता है। यही वजह है कि इस क्रिया का जीवन में अधिक महत्त्व है। इसके महत्त्व को देखते हुए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस मनाया जाता है।
इस दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में योगा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का कौन-सा जिला योगा का शहर कहलाता है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
कब बना उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य का पुनर्गठन 24 जनवरी, 1950 को किया गया था। इससे पहले यह संयुक्त प्रांत नाम से जाना जाता था, जो कि अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम था। संयुक्त प्रांत का गठन उत्तर-पश्चिम प्रांत को अवध सूबे में मिलाकर किया गया था। वहीं, अवध सूबा मुगलों द्वारा बनाया गया था, जिसकी कमान नवाबों में के हाथों में थी। इससे पहले यहां शर्कियों का शासन रहा, जिन्होंने यहां जौनपुर बसाया, जिसे फिरोजशाह तुगलक द्वारा 1359ई. में अपने चेचेरे भाई जौना खान(मोहम्मद बिन तुगलक) की याद में बसाया गया था। आपको बता दें कि इससे पहले यहां कोसल और पांचाल साम्राज्य हुआ करता था।
सबसे अधिक जिले वाला राज्य
उत्तर प्रदेश पूरे भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये सभी मंडल कुल चार संभागों में आते हैं। इसके अतिरिक्त, यहां कुल 75 नगर पंचायत, 351 तहसील, 17 नगर निगम, 28 विकास प्राधिकरण, 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण और 826 सामुदायिक विकास खंड हैं।
यह है यूपी का सबसे बड़ा जिला
उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलों में सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है। यह जिला कुल 7680 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि अपने यहां मौजूद प्रसिद्ध शिव मंदिर के लिए जाना जाता है। यह मंदिर मेंढक आकार में बना हुआ है।
कौन-सा जिला है योगा का शहर
अब सवाल है कि यूपी में कौन-सा जिला योगा का शहर है, तो आपको बता दें कि भारत के सबसे पुराने जिलों में शामिल वाराणसी शहर योगा का शहर कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है योगा का शहर
वाराणसी शहर भारत की पुरानत संस्कृति का शहर है, जहां संस्कृति और धर्म का मिलन होता है। यहां गंगा किनारे कई प्रमुख आश्रम बने हुए हैं, जिनमें सदियों से योग की शिक्षा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, दुनिया का सबसे बड़ा योगा केंद्र यानि स्वरवेद महामंदिर भी वाराणसी शहर में ही मौजूद है। इन सभी कारणों की वजह से वाराणसी शहर को योगा का शहर भी कहा जाता है।
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