Hindi Diwas 2021 Quotes, Poems and Wishes: खूबसूरत कविताओं और कोट्स के साथ दीजिए हिंदी दिवस की शुभकामनाएं

Sep 13, 2021, 17:24 IST

Hindi Diwas 2021: देश में हिंदी भाषा के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. आइये इस अवसर पर खूबसूरत कविताओं और कोट्स के साथ दे शुभकामनाएं.

Hindi Diwas 2021
Hindi Diwas 2021

Hindi Diwas 2021: यह भारत में हर साल 14 सितंबर को आधिकारिक भाषा को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिए मनाया जाता है. 

भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. इसके महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. यहीं आपको बता दें कि पहली बार हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया था. इस दिन कई स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा, साहित्य और लेखन पर कई प्रकार के कायक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.

Hindi Diwas 2021: कोट्स

1. "हिंदी हृदय की भाषा हैं, जिसकी वजह से हमारे शब्द हृदय से निकलते हैं और हृदय तक पहुँचते हैं." - अज्ञात 

2. "कोई राष्ट्र अपनी भाषा को छोड़कर राष्ट्र नहीं कहला सकता. भाषा की रक्षा सीमाओं की रक्षा से भी जरूरी है" - थास्मिस डेविस

3. "निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषा को मूल, बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय को शूल." - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

4. "जब तक इस देश का राजकाज अपनी भाषा (हिन्दी) में नहीं चलता तब तक हम यह नहीं कह सकते कि इस देश में स्वराज्य है." - मोरारजी देसाई

5. "मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी भाषा के अध्ययन में लगावें. हम यही समझे कि हमारे प्रथम धर्मों में से एक धर्म यह भी है." - विनोबा भावे

6. "हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है." - सुमित्रानंदन पंत

7. "जो सम्मान, संस्कृति और अपनापन हिंदी बोलने से आता हैं, वह अंग्रेजी में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता हैं." - अज्ञात

8. "हिन्दी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है. उसे हम सबको अपनाना है." - लालबहादुर शास्त्री

9. "हिन्दी सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में महानतम स्थान रखती है." - डॉ. अमरनाथ झा

10. "परदेशी वस्तु और परदेशी भाषा का भरोसा मत रखो अपने में अपनी भाषा में उन्नति करो." - भारतेंदु हरिश्चन्द्र

11. "हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है." - मैथिलीशरण गुप्त

12. "जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता" - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

13. "हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता." - पंडित गोविंद बल्लभ पंत

14. "हिन्दी देश की एकता की कड़ी है." - डॉ. जाकिर हुसैन

15. "देश की किसी संपर्क भाषा की आवश्यकता होती है और वह (भारत में) केवल हिन्दी ही हो सकती है." - श्रीमती इंदिरा गांधी

Hindi Diwas 2021 पर दे शुभकामनाएं और संदेश

1. है भारत की आशा हिन्दी, है भारत की भाषा हिंदी, हिंदी दिवस पर आप सभीको हार्दिक शुभकामनाएं!

2. गर्व हमें है हिंदी पर, शान हमारी हिन्दी है, कहते-सुनते हिन्दी हम, पहचान हमारी हिन्दी है. हिंदी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं!

3. हिन्दी मेरा इमान है, हिन्दी मेरी पहचान है, हिन्दी हूँ में वतन भी मेरा प्यारा हिन्दुस्तान है. हिंदी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं!

4. देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जानेवाली हिन्दी राष्ट्रभाषा , पद की अधिकारिणी है. हिंदी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं!

5. हिंदी सिखे बिना भारतीयो के दिलो तक नही पहुँचा जा सकता. हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

6. हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना भाषा का प्रश्न नहीं अपितु देशाभिमान का प्रश्न है. हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

7. राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है. हिंदी दिवस पर आप सभीको हार्दिक शुभकामनाएं!

8. हिन्दी की एक निश्चित धारा है, निश्चित संस्कार है. हिंदी दिवस पर आप सभीको हार्दिक शुभकामनाएं!

9. हिन्दी सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में महानतम स्थान रखती है. हिंदी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं!

10. हिन्दी एक जानदार भाषा है; वह जितनी बढ़ेगी देश को उतना ही लाभ होगा. हिंदी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं!

Hindi Diwas 2021: खूबसूरत कविताएं 

1. 

करो अपनी भाषा पर प्यार ।
जिसके बिना मूक रहते तुम, रुकते सब व्यवहार ।।

जिसमें पुत्र पिता कहता है, पतनी प्राणाधार,
और प्रकट करते हो जिसमें तुम निज निखिल विचार ।
बढ़ायो बस उसका विस्तार ।
करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

भाषा विना व्यर्थ ही जाता ईश्वरीय भी ज्ञान,
सब दानों से बहुत बड़ा है ईश्वर का यह दान ।
असंख्यक हैं इसके उपकार ।
करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

यही पूर्वजों का देती है तुमको ज्ञान-प्रसाद,
और तुमहारा भी भविष्य को देगी शुभ संवाद ।
बनाओ इसे गले का हार ।
करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

मैथिली शरण गुप्त

2.

जन-जन की भाषा है हिंदी
भारत की आशा है हिंदी..

जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है
वो मजबूत धागा है हिंदी ..

हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी
एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी..

जिसके गर्भ से रोज नई कोंपलें फूटती है
ऐसी कामधेनु धरा है हिंदी ..

जिसने गुलामी में क्रांति की आग जलाई
ऐसे वीरों की प्रसूता है हिंदी..

जिसके बिना हिन्द थम जाए
ऐसी जीवनरेखा है हिंदी..

जिसने काल को जीत लिया है
ऐसी कालजयी भाषा है हिंदी..

सरल शब्दों में कहा जाए तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी...
अभिषेक मिश्र 

3. 

संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।

सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।

पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।

पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।

तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।

वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।

अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।

यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।
मृणालिनी घुले 

4.

बनने चली विश्व भाषा जो,
अपने घर में दासी,
सिंहासन पर अंग्रेजी है,
लखकर दुनिया हांसी,

लखकर दुनिया हांसी,
हिन्दी दां बनते चपरासी,
अफसर सारे अंग्रेजी मय,
अवधी या मद्रासी,
 
कह कैदी कविराय,
विश्व की चिंता छोड़ो,
पहले घर में,
अंग्रेजी के गढ़ को तोड़ो
अटल बिहारी वाजपेयी

5.
एक डोर में सबको जो है बांधती
वह हिंदी है
हर भाषा को सगी बहन जो मानती
वह हिंदी है।

भरी-पूरी हों सभी बोलियां
यही कामना हिंदी है,
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है,

सौत विदेशी रहे न रानी
यही भावना हिंदी है,
तत्सम, तद्भव, देशी, विदेशी
सब रंगों को अपनाती

जैसे आप बोलना चाहें
वही मधुर, वह मन भाती

नए अर्थ के रूप धारती
हर प्रदेश की माटी पर,
‘खाली-पीली बोम मारती’
मुंबई की चौपाटी पर,

चौरंगी से चली नवेली
प्रीती-पियासी हिंदी है,
बहुत बहुत तुम हमको लगती
‘भालो-बाशी’ हिंदी है।

उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है,
वर्ग भेद को ख़त्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है,

सागर में मिलती धाराएं
हिंदी सबकी संगम है,
शब्द, नाद, लिपि से भी आगे
एक भरोसा अनुपम है,

गंगा-कावेरी की धारा
साथ मिलाती हिंदी है.
पूरब-पश्चिम,कमल-पंखुड़ी
सेतु बनाती हिंदी है।
गिरिजा कुमार माथुर 

14 सितम्बर को ही राष्ट्रीय हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है? भारत के संविधान में वर्णित राजभाषाओं की सूची

 

 

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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