वर्तमान समय में हमें जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञापनों की बाढ़ दिखाई देती हैl आज के युग में कपड़े, खाने-पीने की वस्तुओं, रोजमर्रा के कामों में उपयोग होने वाली वस्तुओं या किसी उत्पाद की बिक्री के विज्ञापन देना आवश्यक हो गया हैl इसके अलावा शैक्षणिक संस्थाएं, परिवहन से जुड़ी संस्थाएं तथा विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थाएं भी अपने द्वारा दी जा रही सेवाओं की जानकारी देने के लिए विज्ञापन देती हैl
आज के समय में हर क्षेत्र में विज्ञापनों की बढ़ती तादाद का कारण यह है कि सभी यह मानकर चल रहे हैं कि विज्ञापनों का लोगों पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता हैl लेकिन विज्ञापनदाताओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वे दर्शकों को विज्ञापनों के रूप में क्या दिखा रहे हैं? वास्तव में किसी विज्ञापन को देखने वाले सिर्फ एक समूह के लोग नहीं होते है, बल्कि यह विभिन्न जातियों, लिंग और आयु वर्ग के लोगों तक पहुँचता है, अतः उन्हें भ्रामक विज्ञापनों के प्रचार-प्रसार से बचना चाहिएl इस लेख में हम किसी भ्रामक विज्ञापन की जानकारी प्राप्त होने शिकायत दर्ज करने के तरीकों का विवरण दे रहे हैंl
वास्तव में उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए और भ्रामक विज्ञापनों को रोकने हेतु कई कानूनों के बावजूद उपभोक्ताओं का भ्रामक विज्ञापनों का शिकार होने के पीछे मुख्यतः तीन कारण है:
1. कानूनों को ठीक ढ़ंग से लागू नहीं करना
2. मौजूदा कानूनों में दोष या अपर्याप्तता
3. उपभोक्ताओं में अपने मुद्दों के समाधान के लिए उपलब्ध विभिन्न रास्तों के बारे में जानकारी हासिल करने के प्रति उदासीनता
शेयर बाजार में सेबी के मुख्य कार्य क्या हैं?
किसी भ्रामक विज्ञापन की शिकायत करना
यदि आप किसी स्थान पर कोई विज्ञापन देखते हैं और आपको लगता है कि यह विज्ञापन गलत है या भ्रामक है तो आप इसकी शिकायत “भारतीय विज्ञापन मानक परिषद” में कर सकते हैंl आप इस संस्था की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी अपनी शिकायत कर सकते हैंl इसके लिए आपको पांच चरणों से गुजरना पड़ेगाl
चरण 1: आप सर्वप्रथम भारतीय विज्ञापन मानक परिषद की वेबसाइट
http://www.ascionline.org/index.php/lodge-ur-complaints.html पर जाएंl
चरण 2: इसके बाद सभी आवश्यक कॉलमों को भरेंl
Image source: ASCI
चरण 3: अधिक-से-अधिक 5000 शब्दों में अपनी शिकायत का वर्णन करेंl
Image source: ASCI
चरण 4: अपनी शिकायत दर्ज करेंl
चरण 5: आप अपनी शिकायत की स्थिति की जानकारी ASCIOnline-complaint Tracking के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैंl
Image source: ASCI
यदि आपको अपने ट्रैकिंग नंबर की जानकारी नहीं है तो आप टोल फ्री नंबर 1800-222-724 पर कॉल कर सकते हैं या +91-7710012345 पर व्हाट्सएप कर सकते हैंl
भारतीय शेयर बाज़ार में उतार चढ़ाव क्यूँ और कैसे होता है ?
शिकायत दर्ज करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
1. “भारतीय विज्ञापन मानक परिषद” में शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी शिकायतकर्ता द्वारा कोई शुल्क अदा करने की आवश्यकता नहीं हैl
2. इस बात को सुनिश्चित कर लें कि जब आप अपनी शिकायत दर्ज कर रहे हों तो आपने अपना नाम, संपर्क विवरण जैसे मोबाइल नंबर और ईमेल का पता सही-सही भरा हैl
3. यदि शिकायतकर्ता गैर-सार्वजनिक रूप से शिकायत करता है, तभी व्यक्तिगत शिकायतकर्ता की पहचान/विवरण विज्ञापनदाता को बताया जाता है, अन्यथा नहींl
4. शिकायत में लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने के लिए आवश्यक आकड़ों/सूचना को संलग्न करना चाहिएl
5. शिकायतकर्ता को शिकायत की एक हार्ड कॉपी और उससे संबंधित दस्तावेजों को जमा करना चाहिए ताकि विज्ञापनदाता को इसे भेजा जा सकेl
NEFT और RTGS के बीच क्या अंतर है
किसी विज्ञापन के विरूद्ध शिकायत के निवारण की प्रक्रिया
भ्रामक या आपत्तिजनक विज्ञापन के विवरण के साथ शिकायत प्राप्त होने के बाद “भारतीय विज्ञापन मानक परिषद” (ASCI) विज्ञापनदाता से शिकायत पर टिप्पणी करने और उसके प्रमाणिकता के लिए आवश्यक सबूत की मांग करता हैl विज्ञापनदाता से प्राप्त सबूत के संतोषजनक या असंतोषजनक होने की स्थिति में उसे उपभोक्ता शिकायत परिषद में भेजा जाता हैl उपभोक्ता शिकायत परिषद द्वारा जांच-पड़ताल के बाद “भारतीय विज्ञापन मानक परिषद” (ASCI) विज्ञापनदाता को विज्ञापन में बदलाव करने या उसे हटाने का आदेश देता हैl इसके बावजूद यदि विज्ञापनदाता विज्ञापन में बदलाव नहीं करता है या उसे नहीं हटाता है तो विज्ञापनदाता के ऊपर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता हैl
भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए जिम्मेवार अन्य संस्थाएं
1. टीवी पर गलत या भ्रामक विज्ञापनों के लिए आप “केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम”, 1955 के तहत जिला/राज्य स्तर पर गठित निगरानी समिति या नोडल अधिकारी या अधिकृत अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैंl
2. राष्ट्रीय स्तर पर उपग्रह चैनलों द्वारा विज्ञापन कोड के उल्लंघन के बारे में आप सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय/अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) में शिकायत कर सकते हैंl
3. यदि विज्ञापन दवाओं, जादू टोने के द्वारा उपचार, स्वास्थ्य उपकरणों या विभिन्न बीमारियों के उपचार से संबंधित है, तो आप अपने राज्य के “औषधि नियंत्रण प्राधिकरण” में शिकायत कर सकते हैंl यह संस्था “ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम” के तहत कार्यवाही कर सकती हैl
4. यदि विज्ञापन भोजन से संबंधित हैं, तो आप राज्य स्तरीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (fssai.gov.in) या इसे लागू करने वाली एजेंसी में शिकायत कर सकते हैंl
5. यदि विज्ञापन बीमा से संबंधित हैं, तो आप “बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण” (irda.gov.in) में शिकायत कर सकते हैंl
6. यदि विज्ञापन दूरसंचार सेवाओं से संबंधित है, तो आप “भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण” (TRAI) (trai.gov.in) में शिकायत कर सकते हैंl
7. बैंकिंग और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के झूठे और भ्रामक विज्ञापनों के लिए आप भारतीय रिजर्व बैंक (rbi.org.in) में शिकायत कर सकते हैंl
शिकायत करने से घबराएं नहीं
अधिकांश लोगों को विज्ञापनों के बारे में शिकायत करने में संकोच होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके शिकायत का सही तरीके से जवाब नहीं दिया जाएगा। लेकिन भारत का नागरिक होने के नाते हमें किसी भी गलत घटना या कानून के विरूद्ध चल रही गतिविधि के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार हैl
भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा
Comments
All Comments (0)
Join the conversation