पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) या पिन कोड भारतीय डाक द्वारा इस्तेमाल किया जानेवाला 6 अंकों का कोड है। इसकी शुरूआत 15 अगस्त, 1972 को हुई थी| वर्तमान में देश में 9 पिन क्षेत्र हैं, जिनमे से पहले 8 विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि 9वां क्षेत्र भारतीय सैन्यकर्मियों हेतु डाक सेवा के लिए आरक्षित है। इस कोड का पहला अंक भौगोलिक क्षेत्रो में से किसी एक को प्रदर्शित करता है। दूसरा अंक उप क्षेत्र या डाक सर्किलों (राज्यों) को प्रदर्शित करता है। तीसरा अंक जिले को इंगित करता है, जबकि अंतिम 3 अंक विभिन्न डाकघरों को प्रदर्शित करते हैं|
किसी पिन कोड का मतलब इस प्रकार समझ सकते हैं:
उदाहरण: यदि किसी क्षेत्र का कोड 500072 है तो इसको इस प्रकार समझते हैं :
5 : दक्षिण भारत के क्षेत्र को दर्शाता है |
50 : तेलंगाना राज्य को दर्शाता है |
500 : रंगारेड्डी जिले को दर्शाता है |
072: इस क्षेत्र के KPHB कालोनी में स्थित डाकघर को दर्शाता है|
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भारत में डाकघरों की वर्तमान स्थिति
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है जहां 31 मार्च 2014 तक लगभग 1,54,882 डाकघर थे, जिनमें से 1,39,182 (लगभग 89.86%) डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थे| आजादी के समय देश में लगभग 23,344 डाकघर थे, जिनमें से अधिकांश डाकघर शहरी क्षेत्रों में स्थित थे। इस प्रकार आजादी के बाद से भारत में डाकघरों की संख्या में लगभग सात गुनी वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि डाकघरों का अधिकतर विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ है| वर्तमान में भारत में लगभग 21.22 वर्गकिमी क्षेत्र और 8221 लोगों की आबादी पर एक डाकघर है|
भारत में निम्नलिखित 9 पिन क्षेत्र हैं :
क्र. सं. | पिन कोड क्रमांक | पिन का क्षेत्रीय वितरण |
1. | पिन कोड 1 | दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, चंडीगढ़ |
2. | पिन कोड 2 | उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड |
3. | पिन कोड 3 | राजस्थान, गुजरात, दमन और दीव, दादर और नगर हवेली |
4. | पिन कोड 4 | छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा |
5. | पिन कोड 5 | आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, यनाम (पुदुचेरी का एक जिला) |
6. | पिन कोड 6 | केरल, तमिनलाडु, पुदुचेरी (यनाम जिले के अलावा), लक्षद्वीप |
7. | पिन कोड 7 | पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, मेघालय, अंडमान और निकोबार दीप समूह |
8. | पिन कोड 8 | बिहार, झारखण्ड |
9. | पिन कोड 9 | सैन्य डाकखाना (एपीओ) और क्षेत्र डाकखाना (एफपीओ) |
संसद की एक सत्र की कार्यवाही: व्यय का ब्यौरा
भारत के राज्यों में पिन का वितरण इस प्रकार है:
क्र. सं. | पिन के शुरुआती 2 अंक | पिन का राज्यों में वितरण |
1. | 11 | |
2. | 12 और 13 | |
3. | 14 से 16 | पंजाब |
4. | 17 | हिमाचल प्रदेश |
5. | 18 से 19 | जम्मू और कश्मीर |
6. | 20 से 28 | उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड |
7. | 30 से 34 | |
8. | 36 से 39 | गुजरात |
9. | 40 से 44 | महाराष्ट्र |
10. | 45 से 49 | मध्य प्रदेश, झारखण्ड |
11. | 49 | |
12. | 50 से 53 | आंध्र प्रदेश और तेलंगाना |
13. | 56 से 59 | कर्नाटक |
14. | 60 से 64 | |
15. | 67 से 69 | केरल |
16. | 682 | लक्षद्वीप (द्वीप) |
17. | 70 से 74 | पश्चिम बंगाल, सिक्किम |
18. | 744 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह |
19. | 75 से 77 | उड़ीसा |
20. | 78 | असम |
21. | 79 | पूर्वोत्तर भारत (अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, अगरतला) |
22. | 793,794,783123 | मेघालय |
23. | 795 | मणिपुर |
24. | 796 | मिजोरम |
25. | 799 | त्रिपुरा |
26. | 80 से 85 | बिहार और झारखण्ड |
सरकार ने पिन नम्बर की संख्या को 6 से बढाकर 8 करने के बारे में एक योजना बनायी है ; जिसमे अंतिम 2 अक्षर किसी मुहल्ला विशेष को ढूँढने में डाकिये की सहायता करेंगे | इसमें अंतिम 2 अक्षर 01 से 99 के बीच में होंगे| सरकार का यह तर्क है कि इससे डाक को पहुँचाने में आसानी होगी; साथ ही जब डाक विभाग मशीन का प्रयोग करने लगेगा तो इससे काफी मदद मिलेगी | देश के कुछ चुनिन्दा स्थानों पर यह प्रयोग शुरू भी किया जा चुका है; हालांकि पूरे देश में इसे लागू करने में थोडा और समय लगेगा|
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