National Girl Child Day 2024: भारत इस समय आधुनिकता की राह पर है। किसी भी देश में आधुनिकता के साथ आगे बढ़ने के लिए सामाज महत्वपूर्ण है। किसी भी सामाज के पूर्ण विकास के लिए लिंग भेद का अंतर भी महत्व रखता है।
वहीं, भारत में बेटे और बेटियों के लिए यह खाई है, जिस खाई को पाटने के लिए हर साल देशभर में 24 जनवरी का दिन तय किया गया है। यह वह दिन है, जिस दिन बेटियों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जाता है, जिससे वह सामाज के किसी भी झेत्र में पंक्ति के पहले क्रम पर आकर खड़ी हों सके।
इस कड़ी में बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों और केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाओं को रूप दिया गया है। इस लेख के माध्यम से हम भारत में बेटियों से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानेंगे।
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बेटियों के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं
बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं
बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं योजना की शुरुआत साल 2015 में हरियाणा के पानीपत से की गई थी। इस योजना के तहत प्रमुख रूप से उत्तर भारत में ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे लोगों को जागरूक कर बेटियों को बचाने के साथ उन्हें पढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। इस योजना में ही सेल्फी विद डॉटर स्किम शुरू की गई थी।
सुकन्या समृद्धि योजना
यह योजना 2015 में शुरू हुई थी। सुकन्या समृद्धि योजना में कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी के लिए निवेश कर सकता है। इसके लिए बेटी के अकाउंट में सालाना तौर पर न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। योजना के लिए बेटी की उम्र 10 वर्ष से कम होनी चाहिए। साथ ही इसकी अवधि 15 वर्ष है, जिस पर 7 फीसदी से अधिक का ब्याज दिया जा रहा है।
बालिका समृद्धि योजना
बालिका समृद्धि योजना के तहत बेटी के जन्म होने पर 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके साथ ही बेटी के स्कूल में दाखिला कराने पर प्रतिवर्ष एक निश्चित राशि दी जाती है, जो कि कक्षा 10वीं तक जारी रहती है। बेटी के 18 वर्ष पूरा होने पर इस राशि को निकाला जा सकता है। यह मुख्य तौर पर गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के लिए है।
सीबीएसई उड़ान योजना
इस योजना की शुरुआत बेटियों को इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। इसके लिए विज्ञान और गणित में 80 फीसदी और 10वीं कक्षा में कम से कम 70 फीसदी अंक होने चाहिए। साथ ही पारिवारिक आय 6 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
नेशनल स्कीम ऑफ इंसेंटिव टू गर्ल्स फॉर सेकेंड्री एजुकेशन
इस योजना की शुरुआत साल 2017 में शुरू की गई थी, जिसके तहत बेटियों को माध्यमिक शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके लिए बेटियों की उम्र 16 वर्ष से कम और उनका 8वीं पास होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
यह योजना बिहार राज्य में शुरू की गई है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों में बेटियों के जन्म पर दो हजार रुपये की राशि दी जाती है। यह योजना अधिकतम दो बेटियों तक सीमित है, जिनका जन्म 22 नवंबर 2007 के बाद हुआ हो।
लाडली लक्ष्मी योजना
यह योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसके तहत बेटी के जन्म पर गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाती है। वहीं, इस राशि को बेटी की उम्र 18 वर्ष पूरी होने पर निकाला जा सकता है।
मजी कन्या भाग्यश्री योजना
इस योजना के तहत उन परिवारों की सहायता की जाती है, जिनकी सालान आय साढ़े सात लाख से कम होती है। सरकार की ओर से बेटियों के लिए पढ़ाने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है।
नंदा देवी कन्या योजना
यह योजना मुख्य रूप से उत्तरांखड सरकार की है, जिसके तहत आरक्षित श्रेणी यानि की एससी और एसटी व बीपीएल श्रेणी में बेटियों की आर्थिक मदद की जाती है।
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