उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो यह 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। प्रदेश में सबसे अधिक यानि कि करीब 77 फीसदी आबादी गांवों में ही वास करती है, जबकि शेष जनसंख्या नगरीय जनसंख्या है।
यहां की जनसंख्या की बात करें, तो साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी। प्रदेश के हर जिले की अपनी पहचान है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला साकेत धाम के नाम से भी जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश के कुल जिले
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर प्रदेश में जिलों की संख्या कितनी है और ये कितने मंडलों में आते हैं। आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं।
इसके साथ ही यहां पर 350 तहसील(2018), 17 नगर निगम, 822 सामुदायिक विकास खंड, 59163 ग्राम पंचायत, 437 ग्राम पंचायतें और पांच विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण हैं।
प्रदेश का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी, सबसे छोटा जिला हापुड़, सबसे पूर्वी जिला बलिया, सबसे पश्चिमी जिला शामली, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।
किस जिले को कहा जाता है साकेत धाम
अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश में आखिर किस जिले को हम साकेत धाम के नाम से भी जानते हैं, तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का अयोध्या जिला साकेत धाम नाम से भी जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है साकेत धाम
अब सवाल यह है कि आखिर अयोध्या को हम साकेत धाम के नाम से भी क्यों जानते हैं। संस्कृत के महान पंडित वामन शिवराम आप्टे(1858-1892) के मुताबिक, साकेता शब्द संस्कृत शब्द सह(साथ) और अकेतेन(घर या भवन) शब्द से मिलकर बना है। वहीं, आदि पुराण में कहा गया है कि अयोध्या को अपनी खूबसूरत इमारतों के लिए साकेत कहा जाता है। रामायण में अयोध्या को कौशल साम्राज्य की राजधानी बताया गया है। ऐसे में इसे हम कौशल के नाम से भी जानते हैं।
क्या होता है अयोध्या का मतलब
यहां पर अयोध्या क अर्थ समझना भी जरूरी है। दरअसल, अयोध्या शब्द संस्कृत की क्रिया युद्ध लड़ना या युद्ध छेड़ना से बना है। वहीं, इस शब्द में आगे अ उपसर्ग लगा है, जिससे इसका अर्थ नहीं लड़ा जाना चाहिए हो गया है। यह अर्थ अथर्ववेद में भी बताया गया है।
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