उत्तर प्रदेश का नाम जब भी लिया जाता है, तो यहां की विविध संस्कृति, अनूठी परंपराओं और समृद्ध इतिहास एकाएक लोगों के मन में उतर आता है। भारत का यह राज्य पूरे देश की जीडीपी में 8 फीसदी का सहयोग करता है। इसके साथ ही यह भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य भी है।
साल 2011 में यहां की कुल आबादी 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी। इसके साथ ही यह सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है। प्रदेश के हर जिले की अपनी पहचान और विशेषता है। इस वजह से यहां के जिलों को उपनाम भी मिला हुआ है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला आंवला नगरी के रूप में जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले हैं
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके अलावा यहां पर 17 नगर निगम, 350 तहसील(2018), 822 सामुदायिक विकास खंड, 437 नगर पंचायत और 198 नगर पालिका परिषद्(2018) है। उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया, तो सबसे पश्चिमी जिला शामली है। वहीं, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।
उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला है आंवला नगरी
अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला आंवला नगरी के रूप में भी जाना जाता है, तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जिला आंवला नगरी के रूप में भी जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है आंवला नगरी
प्रतापगढ़ में प्रमुख रूप से आंवले की खेती की जाती है। यहां 1300 हेक्टेयर से अधिक की भूमि पर आंवले की खेती होती है, जिसके बाद इस आंवले की देशभर में आपूर्ति की जाती है। यहां के आंवले की गुणवत्ता यहां की मिट्टी पर निर्भर है, जिसकी तासीर बेहतर गुणवत्ता वाले आंवले के उत्पादन में सहायक होती है। यही वजह है कि राजस्थान के आंवले से भी बेहतर यहां का आंवला माना जाता है।
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