Indian Railways: भारतीय रेलवे अपनी ट्रेनों के संचालन के लिए विभिन्न कोड का इस्तेमाल करता है, जिससे उसे ट्रेन के बारे में पूरी जानकारी रहती है। इसके लिए रेलवे ट्रेन पर अक्सर एक कोड का इस्तेमाल करता है। रेलवे में सफर के दौरान आपकी भी नजर रेलवे नंबर के आगे लिखे UP और DN पर गई होगी। लेकिन, क्या आपको पता है कि रेलवे इन शब्दों का क्यों इस्तेमाल करता है। आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि रेलवे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ये शब्द किस चीज के संबंध में जानकारी देते हैं। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
आने-जाने के लिए लिखा होता है नंबर
जब भी एक ट्रेन किसी स्टेशन से अपने आखिरी गतंव्य तक का सफर शुरू करती है, तब उसे एक नंबर दिया जाता है। वहीं, इन नंबर के आगे हमेशा UP और DN लिखा होता है। यहां UP का UP ही होता है, जबकि DN down से होता है। ऐसे में इसका प्रयोग ट्रेन के एक तरफ की यात्रा के लिए जाने और दूसरे तरफ से आने के लिए किया जाता है।
कब से और क्यों हो रहा प्रयोग
यह बात सब जानते हैं कि अंग्रेजों ने पहली बार भारत में ट्रेन का संचालन किया था। वहीं, लंदन में ट्रेन संचालन के समय जब भी कोई ट्रेन रेल मुख्यालय से दूर जाती थी, तब उसे DN कहा जाता था। वहीं, मुख्यालय की ओर आने वाले ट्रेन को UP ट्रेन कहा जाता था। इससे पता चल जाता था कि कौन सी ट्रेन जा रही है और कौन सी ट्रेन आ रही है।
भारत में अपनाई गई व्यवस्था
लंदन की तर्ज पर भारत में भी ट्रेनों के संचालन में इस व्यवस्था को अपनाया गया है। दरअसल, भारत में सभी राज्यों को मिलाकर 19 रेल मंडल बने हुए हैं। इसमें कोलकाता मेट्रो भी शामिल है। ऐसे में अलग-अलग मुख्यालय के होने की वजह से संबंधित मुख्यालय से ट्रेनों का संचालन किया जाता है। यदि कोई ट्रेन अपने मुख्यालय से दूर जाती है, तब उसके नंबर में UP जोड़ा जाता है। वहीं, जब ट्रेन अपनी यात्रा पूरी कर लेती है, तब उसके नंबर में DN जोड़ा जाता है। इससे रेलवे को पता चल जाता है कि कौन से ट्रेन मुख्यालय जा रही है या फिर मुख्यालय से आ रही है।
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