Indian Railways: भारतीय रेलवे में क्या होता है Banker Locomotive और कहां किया जाता है इस्तेमाल, जानें

Indian Railways: भारतीय रेलवे में आपने विभिन्न प्रकार के लोकोमोटिव के बारे में सुना होगा। इसी में शामिल है Banker Locomotive, जिसका अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल सिर्फ कुछ विशेष जगहों पर होता है। इस लेख के माध्यम से हम रेलवे से जुड़ी इस जानकारी के बारे में जानेंगे। 

May 2, 2023, 16:26 IST
बैंकर लोकोमोटिव
बैंकर लोकोमोटिव

Indian Railways: भारतीय रेलवे एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। वहीं, पूरे विश्व में इसका चौथा नंबर का स्थान है। बड़े नेटवर्क को चलाने के लिए रेलवे की ओर से अलग-अलग तरह के लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जाता है। रेलवे में आपने विभिन्न तरह के लोकोमोटिव देखे होंगे, जिनका अलग-अलग मौकों पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी में शामिल है, बैंकर लोकोमोटिव। रेलवे में इस टर्म का प्रयोग विशेष मौकों पर किया जाता है। यह टर्म रेलेवे लोकोमोटिव के लिए उपयोग की जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बैंकर लोकोमोटिव के बारे में बताने जा रहे हैं, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

क्या होता है बैंकर लोकोमोटिव

भारतीय रेलवे में सामान्य लोकोमोटिव को ही बैंकर लोकोमोटिव कहा जाता है। हालांकि, इसके उपयोग की वजह से इसका नाम बैंकर लोकोमोटिव पड़ा है। 

 

कहां होता है इस्तेमाल 

बैंकर लोकोमोटिव का इस्तेमाल अधिकतर घाट क्षेत्रों में किया जाता है। यानि, जब ट्रेन किसी अधिक चढ़ाई वाली क्षेत्र में जा रही होती है, तब बैंकर लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जाता है। 



कैसे किया जाता है इस्तेमाल 

बैंकर लोकोमोटिव का इस्तेमाल ट्रेन में पीछे की तरफ लगाकर किया जाता है। चढ़ाई वाले क्षेत्र में ट्रेन के आगे एक लोकोमोटिव होने के साथ-साथ पीछे की तरफ भी एक लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ जगहों पर लोकोमोटिव के पीछे बैंकर लोकोमोटिव को जोड़ा जाता है। जब भी ट्रेन किसी चढ़ाई पर चढ़ रही होती है, तो उसे अधिक बल की आवश्यकता होती है। वैसे तो, सिंगल लोकोमोटिव भी ट्रेन को खींच सकता है, लेकिन चढ़ाई पर यदि कोच पीछे आए, तो पटरी से उतरने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए बैंकर लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जाता है, यह ट्रेन को पीछे से धकेलने का काम करता है। 

 

ढलान पर ब्रेक के माध्यम से करता है मदद

ट्रेन जब चढ़ाई पर चढ़ने के बाद ढलान पर होती है, तब भी यह लोकोमोटिव ट्रेन को संभालता है। बैंकर लोकोमोटिव पीछे की तरफ से ब्रेक लगाकर ट्रेन को एक निश्चित गति के साथ ढलान पर उतारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि, यदि ढलान पर ट्रेन में यदि पीछे की तरफ से ब्रेक नहीं लगेंगे, तो कोच के एक के ऊपर एक चढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी। ऐसे में इस स्थिति से निपटने के लिए भी बैंकर लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जाता है। 

 

वॉकी-टॉकी से होता है संपर्क

ट्रेन में मेन लोकोमोटिव के अलावा बैंकर लोकोमोटिव जुड़ने पर ढलान वाले क्षेत्र में वॉकी-टॉकी की मदद से संपर्क किया जाता है। दोनों लोकोमोटिव के लोको-पायलट एक दूसरे को बताते हैं कि कब और कहां कितना एक्सीलीरेटर देना है और कब कितना ब्रेक लगाना है। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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