Indian railways: समुद्र तल से क्यों मापी जाती है रेलवे स्टेशन की ऊंचाई, जानें

May 17, 2023, 11:16 IST

Indian railways: भारतीय रेलवे में जब भी आपने सफर किया होगा, तो आपने रेलवे स्टेशनों पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखा देखा होगा। यह ऊंचाई रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर स्टेशन के नाम के नीचे लिखी जाती है। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों रेलवे स्टेशनों पर ये ऊंचाई लिखी जाती है। इस लेख के माध्यम से हम इस संबंध में जानेंगे। 

भारतीय रेलवे स्टेशन
भारतीय रेलवे स्टेशन

Indian railways: भारतीय रेलवे में प्रतिदिन 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाता है। ये ट्रेनें प्रतिदिन 7,000 से अधिक स्टेशनों से गुजरती हैं। रेल नेटवर्क में 12,000 से अधिक लोकोमोटिव और 85,000 से अधिक यात्री कोच हैं। वहीं, इन ट्रेनों के माध्यम से प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। ऐसे में भारतीय रेल नेटवर्क एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। आपने जब भी ट्रेन में सफर किया होगा, तो अक्सर रेलवे स्टेशनों पर समुद्र तल से उसकी ऊंचाई के बारे में लिखा होगा। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों किसी रेलवे स्टेशन पर समुद्र तल से उसकी ऊंचाई के बारे में लिखा होता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे। 

 

क्या होती है समुद्र तल से ऊंचाई

सबसे पहले तो हम यह समझ लेते हैं कि आखिर समुद्र तल से ऊंचाई क्या होती है। दरअसल, इसे अंग्रेजी में हम Mean Sea Level के नाम से जानते हैं। किसी भी चीज की ऊंचाई नापने के लिए उसे समुद्र तल से नापा जाता है। क्योंकि, समुद्र तल का स्तर हर जगह समतल होता है। ऐसे में एक समान तल होने की वजह से इसका माप सही निकलता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ऊंचाई नापने के लिए यहां पर मीटर की ईकाई का प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से दुर्गम चोटियों की ऊंचाई को भी मापा जाता है।

 

रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखी होती है ऊंचाई

रेलवे स्टेशन की शुरुआत और अंत में स्टेशन के पीले बोर्ड पर स्टेशन के नाम के नीचे समुद्र तल से ऊंचाई को लिखा जाता है। दरअसल, इसका प्रयोग यात्रियों के लिए नहीं होता है, बल्कि यह लोको-पायलट और गार्ड्स के इस्तेमाल के लिए होते हैं। जब भी ट्रेन किसी स्टेशन पर प्रवेश करती है, तो बोर्ड पर लिखी स्टेशन की ऊंचाई पढ़कर लोकोपायलट को पता लग जाता है कि उस स्टेशन की ऊंचाई कितनी है, जिससे कितनी अधिक हॉर्स पावर की जरूरत पड़ेगी। वहीं, जब ट्रेन स्टेशन से निकल रही होती है और समुद्र तल से ऊंचाई कम होती है, तब इस स्थिति में अंतिम कोच में बैठा गार्ड यह देखता है कि गाड़ी ढलान पर जा रही है या नहीं, यदि गाड़ी ढलान पर जा रही होती है, तब गार्ड लोको-पायलट को फ्रिक्शन का इस्तेमाल करने का संकेत देगा, जिससे ट्रेन को कम रफ्तार के साथ ढलान पर उतारा जाए। इसके हादसे होने की संभावना कम हो जाती है। हालांकि, यह सभी स्टेशनों के बजाय कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ही लिखा होता है।  

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News