अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन: कोरोनावायरस की वजह से जा सकती हैं 1.6 अरब लोगों की नौकरियां

Jul 3, 2020, 19:12 IST

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ): आईएलओ ने कोरोनावायरस के चलते चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनियाभर में काम करने वाले 1.6 बिलियन श्रमिकों की नौकरियां खतरे में हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ)
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ)

कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर नौकरियां खतरे में हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने हाल ही में कोरोनावायरस के चलते चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनियाभर में काम करने वाले तकरीबन आधे लोगों का रोज़गार छिन सकता है। इसका मतलब ये है कि दुनियाभर में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करने वाले 1.6 बिलियन श्रमिकों की नौकरियां खतरे में हैं। 

आईएलओ मॉनिटर के तीसरे संस्करण 'कोविड-19 एंड द वर्ल्ड ऑफ वर्क' के अनुसार साल 2020 की वर्तमान तिमाही यानी दूसरी तिमाही में काम करने के घंटों में अनुमानित तुलना से ज़्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। 

पूर्व-संकट के स्तर (Q4 2019) की तुलना में, इस वक्त 10.5 प्रतिशत गिरावट की उम्मीद है, जो 305 मिलियन फुल टाइम नौकरियों (48-घंटे के कार्य सप्ताह को मानते हुए) के बराबर है। पिछली बार 6.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया गया था, जो 195 मिलियन फुल टाइम नौकरियों के बराबर था। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार यह गिरावट कोरोनावारस के चलते दुनियाभर में लागू लॉकडाउन की वजह से है। 

कोरोनावायरस महामारी की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक संकट के कारण लगभग 1.6 बिलियन अनौपचारिक अर्थव्यवस्था वाले श्रमिक जो दुनिया भर में दो बिलियन हैं और 3.3 बिलियन वैश्विक कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इसकी दो बड़ी वजह हैं-- कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन और प्रभावित क्षेत्रों में नौकरी करने वाले लोग जैसे खुदरा और उत्पादन। 

कोरोनावायरस संकट के पहले महीने मेंदुनियाभर में अनौपचारिक श्रमिकों की आय में  60 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। अगर इन श्रमिकों के पास दूसरा आय स्रोत नहीं है, तो इन श्रमिकों और उनके परिवारों के पास गुज़र-बसर करने का कोई साधन नहीं होगा।

लॉकडाउन की वजह से कार्यस्थल बंद हैं, जिससे वर्क परमिट पर रहने वाले श्रमिकों की संख्या में पिछले दो हफ्तों में 81 से 68 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है। दुनिया भर के 436 मिलियन से अधिक उद्यमों को गंभीर व्यवधान के उच्च जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। ये उद्यम सबसे कठिन आर्थिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनमें थोक और खुदरा में 232 मिलियन, विनिर्माण क्षेत्र में 111 मिलियन, आवास और खाद्य सेवाओं में 51 मिलियन और अचल संपत्ति और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में 42 मिलियन शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने श्रमिकों और व्यवसायों (विशेष रूप से छोटे उद्यमों) और अन्य लोग, जो अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करते हैं उनको सपोर्ट करने के लिए तत्कालीन उपायों को लागू करने की बात की है।

आर्थिक पुनर्सक्रियन के लिए एक रोजगार-समृद्ध दृष्टिकोण का पालन करना होगा, जो संस्थानों और मजबूत रोजगार नीतियों, बेहतर-पुनर्जीवित और व्यापक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली पर निर्भर करेगा। । 

ILO के महानिदेशक गाय राइडर के अनुसार  महामारी और नौकरियों के संकट के रूप में, सबसे कमजोर क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता  है। लाखों श्रमिकों के लिए, कोई आय ना मिलने का मतलब है -- न भोजन, न सुरक्षा और न भविष्य। दुनिया भर में लाखों व्यवसाय मुश्किल से सांस ले रहे हैं। उनके पास क्रेडिट की कोई बचत या पहुंच नहीं है। हमें श्रमिकों की मदद के लिए हाथ बढ़ाना होगा, नहीं तो ये उद्यम नष्ट हो जाएंगे।

Arfa Javaid
Arfa Javaid

Content Writer

Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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