उत्तर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची

Sep 5, 2018, 18:58 IST

उत्तर प्रदेश का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के लोगों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इस राज्य ने भारत को पहला प्रधानमंत्री, पहली महिला प्रधानमंत्री दिए हैं। इस लेख में हमने उत्तर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

Freedom Fighters from Uttar Pradesh HN
Freedom Fighters from Uttar Pradesh HN

उत्तर प्रदेश का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के लोगों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।  यह भारत के उन सात राज्यों में से एक है जहा द्विवार्षिक विधानसभाएं हैं- विधान सभा और विधान परिषद्। इस राज्य ने भारत को पहला प्रधानमंत्री, पहली महिला प्रधानमंत्री दिए हैं। राज्य की राजनीति, हालांकि विभाजनकारी रही है और कम ही मुख्यमंत्रियों ने पाँच वर्ष की अवधि पूरी की है। गोविंद वल्लभ पंत इस प्रदेश के प्रथम मुख्य मन्त्री बने। अक्टूबर 1963 में सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश एवम भारत की प्रथम महिला मुख्य मन्त्री बनी।

उत्तर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी  

1. बख्त खान

उनका जन्म रोहिलखंड में बिजनौर में हुआ था। वे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में सूबेदार थे और ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1857 के भारतीय विद्रोह में भारतीय विद्रोही बलों के कमांडर-इन-चीफ थे।

2. बेगम हजरत महल

वे अवध (अउध) की बेगम के नाम से भी प्रसिद्ध थीं और अवध के नवाब वाजिद अली शाह की दूसरी पत्नी थीं। उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ख़िलाफ़ विद्रोह किया। इनका जन्म फैजाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था

3. मंगल पांडे

उन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इंफेन्ट्री के सिपाही थे। इनका जन्म जन्म भारत में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

4. मौलवी लियाक़त अली

वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने दुसरे स्वतंत्रता सेनानियो जैसे अंग्रेजो के खिलाफ 1857 में इलाहाबाद  में बगावत का बिगुल बजाया।

5. रानी लक्ष्मीबाई

ये मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं। उन्होंने  अंग्रेजो की राज्य हड़प नीति के खिलाफ आवाज़ उठाया था और सिर्फ़ 23 साल की उम्र में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से जद्दोजहद की और रणभूमि में उनकी मौत हुई थी।  

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6. राव कदम सिंह

वे गुर्जर समूह के नेता थे जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। इन्हें लोकप्रिय रूप से मेरठ जिले में परीक्षितगढ़ और मवाना के राजा के रूप में जाना जाता है।

7. झलकारी बाई

वे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की महिला सेना ‘दुर्गादल ‘की सेनापति थी। वे बहुत ही साहसी और निडर थी। वीरांगना झलकारी बाई ने देश की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। बुंदेलखंड की लोकगाथाओं में झलकारी बाई की वीरता के अनेक  गीत मिलते है।

8. आचार्य नरेंद्र देव

वे भारत के प्रमुख स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, साहित्यकार एवं शिक्षाविद थे। वे कांग्रेस समाजवादी दल के प्रमुख सिद्धान्तकार थे। इनका जन्म सीतापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। देश को स्वतंत्र कराने का जुनून उन्हें स्वतंत्रता आन्दोलन में खींच लाया और भारत की आर्थिक दशा व गरीबों की दुर्दशा ने उन्हें समाजवादी बना दिया।

9. असफ अली

वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध भारतीय वकील थे। वह भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राजदूत थे। इनका जन्म ब्रिटिश भारत के सिहारा उत्तर प्रदेश में हुआ था।

10. अशफाकुल्ला खान

वे भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे। जिन्होंने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसियेशन के तत्वाधान में हुए काकोरी कांड में अहम भूमिका निभाई थी। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के शाहिदगढ़ में स्थित शाहजहांपुर के रेलवे स्टेशन के पास कदनखैल जलालनगर मोहल्ले में हुआ था। 

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11. चंद्रशेखर आजाद

वे भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे। उन्होंने उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सॉण्डर्स की हत्या करके लिया एवं दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया था।

12. चित्तू पांडे

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनके नेतृत्व के कारण जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें "बलिया का शेर" के रूप में वर्णित किया था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक गांव रट्टुचक में हुआ था।

13. गणेश शंकर विद्यार्थी

वे हिन्दी के पत्रकार एवं भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के सिपाही एवं सुधारवादी नेता थे। इनका जन्म प्रयाग, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

14. गोविंद बल्लभ पंत

वे प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। इनका जन्म  अल्मोड़ा ज़िले के खूंट (धामस) नामक गाँव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 9 अगस्त 1925 को काकोरी काण्ड करके उत्तर प्रदेश के कुछ नवयुवकों ने सरकारी खजाना लूट लिया तो उनके मुकदमें की पैरवी के लिये अन्य वकीलों के साथ पन्त जी ने जी-जान से सहयोग किया था।

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15. हसरत मोहानी

वे साहित्यकार, शायर, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक और स्वंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के क़स्बा मोहान ज़िला उन्नाव में हुआ था। इन्होने ही 'इन्कलाब ज़िन्दाबाद' का नारा दिया था। इन्होने पहली बार कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता की मांग उठाई थी।   

16. महावीर त्यागी

वे भारत के स्वतंत्रता सेनानी तथा सांसद (देहरादून से) थे। जिन्होंने कांग्रेस के बैनर तले किसान आंदोलन किया था। उसके वजह से अंग्रेजों ने उन्हें  11 बार गिरफ्तार किया और  यातनाएं दी तो गांधीजी ने इसके लिए अंग्रेजों की आलोचना यंग इंडिया में लेख लिखकर की थी। हालांकि उस वक्त उन पर इतनी यातनाओं की वजह किसी एक अंग्रेज मजिस्ट्रेट की व्यक्तिगत नाराजगी थी, जिसने उन पर देशद्रोह का केस लगा दिया था और पूरी कोशिश थी कि महावीर त्यागी की अकड़ को खत्म कर सके, लेकिन एक सैन्य अधिकारी रहने वाले महावीर त्यागी को ना झुकना कुबूल था और ना ही माफी मांगना।

17. मौलाना मोहम्मद अली

इनको मुहम्मद अली जौहर के नाम से भी जाना जाता है। वे एक भारतीय मुस्लिम नेता, कार्यकर्ता, विद्वान, पत्रकार और कवि थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के रामपुर में हुआ था। इन्होने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का विस्तार करने के लिए कड़ी मेहनत की, जिसे मुहम्मदान एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के नाम से जाना जाता था और 1920 में जामिया मिलिया इस्लामिया के सह-संस्थापकों में से एक थे।

18. मौलाना शौकत अली

वे खिलाफत आंदोलन के एक भारतीय मुस्लिम राष्ट्रवादी नेता थे और मौलाना मुहम्मद अली के भाई थे। इन्होने खिलाफत आन्दोलन में अहम् भूमिका निभाई थी और उन्हें  खिलाफत सम्मेलन के अंतिम राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया गया था।

19. मुख्तार अहमद अंसारी

वे एक भारतीय राष्ट्रवादी और राजनेता होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के पूर्व अध्यक्ष थे। साथी ही साथ वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक थे और 1928 से 1936 तक वे इसके कुलाधिपति भी रहे थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था।

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20. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय

वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता,शिक्षकविद थे। वे भारत के प्रथम एवं द्वितीय लोकसभा में सांसद थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था।

21. पुरुषोत्तम दास टंडन

वे भारत के स्वतन्त्रता सेनानियो में से एक हैं। हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करवाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद नगर में हुआ था।

22. रफी अहमद किदवई

वे भारत के जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी और देश के प्रमुख राजनीतिज्ञ थे। कांग्रेस के अन्दर स्वराज पार्टी के गठन के पक्षधर था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले के मसौली नामक स्थान पर हुआ था।

23. राजा महेन्द्र प्रताप सिंह

वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, लेखक, क्रांतिकारी और समाज सुधारक थे। वे 'आर्यन पेशवा' के नाम से प्रसिद्ध थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुआ था। वे भारत की अस्थाई सरकार के राष्ट्रपति भी रहे थे।

24. राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी

वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्रान्तिकारी सेनानी थे जो  काकोरी काण्ड के एक प्रमुख अभियुक्त के रूप में जाना जाता है। उन्होंने दक्षिणी दक्षिणेश्वर बम विस्फोट की घटना में भाग लिया और फरार हो गए।

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25. राममनोहर लोहिया

वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जनपद में (वर्तमान-अम्बेदकर नगर जनपद) अकबरपुर नामक स्थान में हुआ था। 9 अगस्त 1942 को जब गांधी जी व अन्य कांग्रेस के नेता गिरफ्तार कर लिए गए, तब लोहिया ने भूमिगत रहकर 'भारत छोड़ो आंदोलन' को पूरे देश में फैलाया।

लोहिया, अच्युत पटवर्धन, सादिक अली, पुरूषोत्तम टिकरम दास, मोहनलाल सक्सेना, रामनन्दन मिश्रा, सदाशिव महादेव जोशी, साने गुरूजी, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, अरूणा आसिफअली, सुचेता कृपलानी और पूर्णिमा बनर्जी आदि नेताओं का केन्द्रीय संचालन मंडल बनाया गया। लोहिया पर नीति निर्धारण कर विचार देने का कार्यभार सौंपा गया। भूमिगत रहते हुए 'जंग जू आगे बढ़ो, क्रांति की तैयारी करो, आजाद राज्य कैसे बने' जैसी पुस्तिकाएं लिखीं।

26. राम प्रसाद बिस्मिल

वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं सुत्रधार थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। वे एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे।बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे।

27. स्वामी सहजानन्द सरस्वती

वे  भारत के राष्ट्रवादी नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत में संगठित किसान आंदोलन खड़ा करने का श्रेय इनको जाता है, इसलिए इन्हें भारत में 'किसान आन्दोलन' के जनक भी बोला जाता है। वे आदि शंकराचार्य सम्प्रदाय के 'दसनामी संन्यासी' अखाड़े के दण्डी संन्यासी थे। वे एक बुद्धिजीवी, लेखक, समाज-सुधारक, क्रान्तिकारी, इतिहासकार एवं किसान-नेता थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के गज़िपुय्र जिले में हुआ था।

28. धन सिंह गुर्जर

वे भारत के प्रथम स्वतंत्रा संग्राम के प्रथम क्रान्तिकारी थे जिन्होंने 10 मई 1857 को मेरठ से क्रान्ति शूरूआत की थी।

29. विजय सिंह पथिक

वे भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें राष्ट्रीय पथिक  के नाम से भी जाना जाता है और इनका वास्तविक नाम  भूप सिंह था। इनका जन्म बुलन्दशहर जिले के ग्राम गुठावली कलाँ के एक गुर्जर परिवार में हुआ था। मोहनदास करमचंद गांधी के सत्याग्रह आन्दोलन से बहुत पहले उन्होंने बिजौलिया किसान आंदोलन के नाम से किसानों में स्वतंत्रता के प्रति अलख जगाने का काम किया था।

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