अकबर एक साहसी सैनिक, महान् सेनानायक तथा बुद्धिमान मुग़ल शासक था। उन्होंने अपनी साम्राज्य में एकता बनाये रखने के लिए धार्मिक सहिष्णुता की नीति को अपनाया था। उन्होंने इस्लाम को कभी नहीं छोड़ा, बल्कि विभिन्न धार्मिक सिद्धांतों के संश्लेषण पर ज़ोर दिया था, शायद इसलिए लोग उन्हें अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से पुकारा करते थे।
मुगल सम्राट अकबर के महत्वपूर्ण कार्यों की सूची
कार्य | वर्ष (AD) |
युद्ध के कैदियों को गुलाम बनाने, उनकी पत्नियों और बच्चों को बेचने, आदि की पुरानी प्रथा को प्रतिबंधित किया। | 1562 |
अपने पालक माँ महामंगा की अगुवाई में हरेम पार्टी के नियंत्रण से मुक्त | 1562 |
तीर्थयात्रा कर को रद्द कर दिया | 1563 |
जिज़िया कर समाप्त कर दिया | 1564 |
फतेहपुर सीकरी की स्थापना की और इसे अपनी राजधानी के रूप में विकसित किया | 1571 |
इबादत खाना की स्थापना (आराधना घर) | 1575 |
इबादत खाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति | 1578 |
मजहर की घोषणा | 1579 |
दीन-ए-इलाही की स्थापना | 1582 |
इलाही संवत की शुरुआत | 1583 |
राजधानी लाहौर स्थानांतरित | 1585 |
अकबर द्वारा जीते गए प्रदेशो की सूची
अकबर के काल में साहित्यिक कार्य
1. अकबर ने अनुवाद विभाग की शुरुवात की थी। इसलिए महाभारत, रामायण, अथर्व वेद, भगवत गीता और पंचतंत्र का अनुवाद संस्कृत से फारसी भाषा में संभव हो पाया था।
2. मुल्ला अब्दुल कादिर बदायुनी ने रामायण और सिंघासन बत्तीसी को फारसी भाषा में अनुवाद किया था।
3. फैजी ने पंचतंत्र को फारसी भाषा में अनुवाद किया था।
4. अथर्व वेद का अनुवाद इब्राहीम सिर्हिंद ने किया था।
5. राजतरंगिणी का अनुवाद मौलाना शाह मोहम्मद शाहाबादी ने किया था।
6. अबुल फ़जल ने आईन-ए-अकबरी और अकबर नामा की रचना की थी।
अकबर ने अपने शासनकाल में, भारतीय उपमहाद्वीप के लगभग सभी हिस्सों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था। अपने शासनकाल के दौरान, बहुत से प्रशासनिक तथा सैन्य सुधार किये थे जैसे मंसबदारी प्रणाली, सेना में तोप और हाथियों का व्यापक रूप से इस्तेमाल, किलाबंदी के तरीके इत्यादी। उन्होंने ने फसल उपज पर आधारित कर पर एक नई निष्पक्ष प्रणाली की शुरुवाती की थी। वह वास्तुकला, कला और साहित्य का एक महान संरक्षक था। इसलिए, अकबर काल लोकप्रिय रूप से 'फारसी साहित्य का पुनर्जागरण' के रूप में जाना जाता है।
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