भारत विविधताओं का देश है, जहां की संस्कृति, अनूठी परंपराएं और समृद्ध इतिहास से परिपूर्ण ऐतिहासिक स्थल देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में भारत को करीब से जानने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे न सिर्फ पर्यटन बढ़ता है, बल्कि आर्थिक विकास के पहिये को भी रफ्तार मिलती है।
इस कड़ी में हाल ही में पर्यटन विभाग द्वारा भारत के टॉप ऐतिहासिक स्मारकों की लिस्ट जारी की गई है, जहां घूमने के लिए सबसे अधिक विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं। कौन-से हैं ये पर्यटन स्थल, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
ताजमहल
टॉप स्मारकों की लिस्ट में ताजमहल सबसे ऊपर है। 1632 से 1653 के बीच बना दुनिया का यह अजूबा तुर्की, फारसी, मुगल और भारतीय वास्तुकला का मिश्रण है। बीते एक साल में यहां करीब दोगुना विदेशी पर्यटक बढ़े हैं। साल 2022-23 में यहां 3 लाख 97 हजार पर्यटक पहुंचे थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 6 लाख 81 हजार तक पहुंच गया है।
आगरा किला
आगरा का किला यूपी की लिस्ट में दूसरे पायदान पर है। किले का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा करवाया गया था, जो कि ताजमहल से करीब 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां साल 2022-23 में 1 लाख 39 हजार पर्यटक पहुंचे थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 2 लाख 18 हजार पहुंचा है।
फतेहपुर सीकरी
फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है, जहां मुगल शासक अकबर रहा करता था। यही वह स्थान है, जहां सबसे बड़ा दरवाजा बुलंद दरवाजा मौजूद है। साल 2022-23 में यहां 62 हजार पर्यटक पहुंचे थे,जबकि 2023-24 में 94 हजार पर्यटक पहुंचे हैं।
इतिमाद-उद-दौलाह मकबरा
इतिमाद-उद-दौलाह का मकबरा उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है। इसे अक्सर "बेबी ताज" (Baby Taj) कहा जाता है, क्योंकि यह ताजमहल से पहले संगमरमर से बना पहला मकबरा है और इसकी वास्तुकला ताजमहल से मिलती-जुलती है। साल 2022-23 में यहां 44 हजार पर्यटक पहुंचे थे, जबकि 2023-24 में यहां 84 हजार पर्यटक पहुंचे हैं।
सारनाथ
सारनाथ वाराणसी में स्थित है। यहां अशोक स्तंभ, स्तूप, मूर्तियां और विहारों के अवशेष मिले हैं। इन अवशेषों को सारनाथ के पुरातात्विक संग्रहालय में रखा गया है। साल 2022-23 में यहां 55 हजार विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 77 हजार दर्ज किया गया है।=
सहेत-महेत
श्रावस्ती उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है, जो बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिंदू धर्म के लिए महत्त्वपूर्ण स्थानों में से एक है। यह स्थान भगवान बुद्ध के जीवन और उनके उपदेशों से गहराई से जुड़ा हुआ है। सहेत जेतवन विहार के अवशेषों के रूप में प्रसिद्ध है, जहां बुद्ध ने अपने उपदेश दिए थे। वहीं, महेत प्राचीन श्रावस्ती नगर के खंडहरों को दर्शाता है, जहां बौद्धकालीन नगर संरचना और किलेबंदी के अवशेष मिलते हैं। यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पहुंचते हैं। साल 2022-23 में यहां 43 हजार विदेशी पर्यटक पहुंचे थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 71 हजार हो गया था।
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