Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे इस बार आर्श्चयजनक रहे हैं । क्योंकि, भाजपा द्वारा एक और प्रभावशाली प्रदर्शन की व्यापक उम्मीद के विपरीत कांग्रेस ने उल्लेखनीय वापसी की। इस कड़ी में 2019 में अपनी सीटों की संख्या 52 से बढ़ाकर इस बार 99 कर ली। वहीं, उत्तर प्रदेश में सपा ने 37 सीटें जीतकर अपना जनाधार बढ़ाया है।
भारत, जिसे प्रायः विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, अभूतपूर्व पैमाने पर चुनाव आयोजित करता है। लाखों मतदाताओं, व्यापक लामबंदी प्रयासों और सोशल मीडिया के प्रभाव के साथ भारतीय चुनाव प्रक्रिया एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह लेख भारतीय आम चुनाव 2024 से 4 प्रमुख निष्कर्षों पर गहराई से चर्चा करेगा।
आम चुनाव 2024 से मुख्य निष्कर्ष
-मतदाता आंकड़ें
भारत की 1.4 अरब की जनसंख्या में से 968 मिलियन से अधिक मतदाता हैं, जिनमें से 642 मिलियन पंजीकृत मतदाता हैं। ये नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करके राष्ट्र के लोकतांत्रिक ताने-बाने में योगदान देते हैं। इनमें महिला मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिनकी 312 मिलियन सक्रिय भूमिका चुनावी प्रक्रिया में रही है।
मतदाताओं की संख्या सभी G7 देशों - अर्थात् अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा - के मतदाताओं की कुल संख्या का 1.5 गुना है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह तुलना मतदाताओं से संबंधित है, निर्वाचकों से नहीं। इसके अलावा, यह आंकड़ा यूरोपीय संघ के 27 देशों के कुल मतदाताओं की संख्या का 2.5 गुना है।
-85+ एवं दिव्यांग मतदाता
समावेशिता भारतीय चुनावों की पहचान है। 85 वर्ष और उससे अधिक आयु के मतदाता, साथ ही दिव्यांग मतदाता (PwDs) देश के भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
-चुनाव लामबंदी
-विश्व का सबसे बड़ा चुनावी अभियान
भारत की चुनाव मशीनरी ने एक विशाल अभियान चलाया है। इसमें 1.5 करोड़ से अधिक मतदान एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे। उन्होंने विविध भौगोलिक क्षेत्रों में सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेष रेलगाड़ियों, हवाई उड़ानों, वाहनों और निगरानी टीमों का उपयोग किया।
-जम्मू और कश्मीर मतदान
-दशकों में सर्वाधिक मतदान
जम्मू और कश्मीर में हाल ही में हुए चुनाव में कुल मिलाकर 58.58% मतदान हुआ। वहीं, घाटी में 51.05% मतदान हुआ। चुनौतियों के बावजूद नागरिकों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
-इंटरनेट प्रभाव
-100 करोड़ खर्च
भारतीय जनता पार्टी इंटरनेट के महत्त्व को स्वीकार करती है और उसने भारत के राजनीतिक क्षेत्र में इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह देश की पहली राजनीतिक पार्टी बन गई है, जिसने सर्च इंजन गूगल और उसके वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर राजनीतिक विज्ञापनों से 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है।
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