भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हाल ही में यहां लोकतंत्र का महापर्व यानि कि लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ चुनावी परिणाम जारी हुए हैं। साथ ही नई सरकार का गठन भी हो गया है। नरेंद्र मोदी व 71 अन्य सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली है।
इस कड़ी मे अलग-अलग सांसदों को अलग-अलग विभाग(मंत्रालय) सौंपे गए हैं। इन विभागों में कुछ महत्त्वपूर्ण विभागों को पुराने हाथों में सौंपा गया है। वहीं, कुछ विभाग नए हाथों में गए हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पास कौन-से मंत्रालयों की जिम्मेदारी रखी है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में मंत्रियों की त्रिस्तरीय प्रणाली है, जिसमें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री शामिल हैं। इसमें कैबिनेट मंत्री सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं, जबकि राज्य मंत्री सिर्फ कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं, वहीं राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) भी सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं।
संविधान के किस अनुच्छेद में है प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों का जिक्र
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि संविधान के किस अनुच्छेद में प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों का जिक्र किया गया है ? आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 74 में कहा गया है कि राष्ट्रपति को सलाह और सहायता देने के लिए प्रधानमंंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिपरिषद् होगी। वहीं, संविधान के अनुच्छेद 75 में कहा गया है कि मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति करेंगे।
कितने कैबिनेट और राज्य मंत्रियों ने ली शपथ
इस बार मोदी कैबिनेट 3.0 में कुल 72 सांसद शामिल हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलाकर कुल 31 सांसदों ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। वहीं, कुल पांच सांसदों ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली है। साथ ही कुल 36 सांसद ऐसे हैं, जिन्हें केवल राज्य मंत्री का पदाभार सौंपा गया है।
प्रधानमंत्री के पास हैं कौन-से विभाग
अब हम यह जाने लेते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कौन-से विभाग हैं, तो आपको बता दें कि पीएम के पास कुछ विभाग स्वतः आते हैं, जिनकी सूची इस प्रकार हैः
-परमाणु ऊर्जा विभाग
-अंतरिक्ष विभाग
-कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग
-राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
-नीति आयोग
आपको बता दें कि नीति आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री ही होता है। नीति आयोग को हम भारत की थिंक टैंक संस्था के रूप में जानते हैं। साल 2014 से पहले यह योजना आयोग के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान कर दिया गया।
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