राष्ट्रीय मानसून मिशन क्या है?

Nov 13, 2020, 14:30 IST

‘स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्‍वी विज्ञान’ केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा ‘राष्ट्रीय व्यावहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद’ (National Council of Applied Economic Research- NCAER) की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई. आइये इस लेख के माध्यम से राष्ट्रिय मानसून मिशन और वार्षिक रिपोर्ट के बारे में अध्ययन करते हैं.

National Monsoon Mission
National Monsoon Mission

रिपोर्ट को जारी करने का उद्देश्य NMM और HPC में किए गए निवेश के जरिए मौसम और महासागर स्थिति के बारे में पूर्वानुमान के जरिये वर्षा आधारित क्षेत्रों में किसानों, पशुधन मालिकों और मछुआरों के आर्थिक लाभ का अनुमान लगाना है.  आर्थिक लाभों की भी जांच लैंगिक दृष्टिकोण के साथ भी रिपोर्ट में की गई है.

नई दिल्ली में स्थित NCAER एक स्वतंत्र तथा गैर-लाभकारी थिंक टैंक है. यह कार्य आर्थिक नीतिगत अनुसंधान की दिशा में करता है. साथ ही आपको बता दें कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित किये गए एक अध्ययन यह रिपोर्ट आधारित है.

NCAER की रिपोर्ट किस पर केंद्रित है?

यह रिपोर्ट ‘राष्ट्रीय मानसून मिशन’ (National Monsoon Mission) और ‘उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग’ (High Performance Computing- HPC) में निवेश के आर्थिक लाभों का अनुमान लगाने पर केंद्रित है.

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रिपोर्ट में आर्थिक लाभ का आकलन किया गया है. इस पर आधारित कुछ तथ्य इस प्रकार हैं:

- राष्ट्रीय मानसून मिशन (NMM) और उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग (HPC) सुविधाओं को स्थापित करने के लिए भारत सरकार द्वारा लगभग 1000 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है.

- वहीं वार्षिक आर्थिक लाभ गरीबी रेखा से नीचे 1.07 करोड़ (BPL) कृषि परिवारों के लिए 13,331 करोड़ रुपये और अगले पांच वर्षों में कृषक समुदाय के लिए वृद्धिशील लाभ लगभग 48,056 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

- वर्षा आधारित क्षेत्रों में किसानों, पशुधन मालिकों और मछुआरों के आर्थिक लाभ का अनुमान लगाना है.

- रिपोर्ट के अनुसार, 98 प्रतिशत किसानों को मौसम पूर्वानुमान से संबंध में शि एडवाइज़री जारी करने से लाभ हुआ है. इससे किसानों को फसल के प्रतिरूप में बदलाव, जल प्रबंधन, फसल की कटाई, जुताई के टाइम में परिवर्तन, कीटनाशकों का प्रयोग और सिंचाई इत्यादि में समय पर शि निर्णय लेने में मदद मिली है.

- मौसम की जानकारी का उपयोग 76% पशुधन मालिकों द्वारा मौसमी बीमारी के खिलाफ टीकाकरण और चारा प्रबंधन पर निर्णय लेने के लिए किया जा रहा है.

- 82% मछुआरों ने समुद्र में जाने से पहले ओशन स्टेट फोरकास्ट (OSF) की सलाह का इस्तेमाल किया.

- मछली पकड़ने के क्षेत्र (PFZ) सलाह के परिणामस्वरूप सफल यात्राओं में अतिरिक्त मछली मिलती हैं. PFZ एडिसरीज का इस्तेमाल करके किए गए 1,079 सफल मछली पकड़ने के अभियानों से कुल मिलाकर 1.92 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई.

- महिलाओं को जो लाभ प्राप्त हुआ है उसका अनुमानित लाभ 13,447 करोड़ रुपए है और यह कुल लाभ का 26.6% है.

राष्ट्रीय मानसून मिशन के बारे में 

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने राष्ट्रीय मानसून मिशन को 2012 में लॉन्च किया गया था.

मानसून भारत की अर्थव्यवस्था के लिए हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है और जो वर्तमान में मानसून के पूर्वानुमान की क्षमता पर्याप्त नहीं है. इस मिशन के जरिये मानसून पूर्वानुमान पर रिसर्च करके कार्यों में अनुसंधानकर्त्ताओं का समर्थन किया जाएगा. ‘गतिशील मानसून पूर्वानुमान’ (Dynamic Monsoon Forecast) मॉडल के विकास पर भी बल दिया जा रहा है.

यह मिशन जलवायवीय अवलोकन कार्यक्रमों को भी सपोर्ट करेगा ताकि जलवायविक प्रक्रियाओं को बेहतर तरीकों से समझा जा सके.

राष्ट्रीय मानसून मिशन का उद्देश्य 

मौसम और महासागर स्थिति के बारे में पूर्वानुमान करना.
वर्षा वाली जगहों या क्षेत्रों में किसानों, पशुधन मालिकों और मछुआरों के आर्थिक लाभ का अनुमान लगाना है.
सीजनल (Seasonal) और इंट्रा-सीजनल (Intra-seasonal) मानसून पूर्वानुमान में सुधार करना.
Medium Range Forecast में सुधार करना.

मिशन की प्रतिभागी संस्थान 

- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मिटिरियोलॉजी (IITM), पुणे 

- नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (NCMRWF), नोएडा 

- इंडियन मिटिरियोलॉजीकल डिपार्टमेंट (IMD), नई दिल्ली 

इसके डेलीवरेबल्‍स इस प्रकार हैं:

ऋतुकालिक और अंतरा-ऋतुकालिक पैमाने में विश्वसनीय पूर्वानुमान प्रणाली की स्थापना

मध्यम रेंज पैमाने पर दो सप्ताह तक 

‘उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग’(High-performance Computing- HPC) का उपयोग 

सुपरकंप्यूटर, उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) का एक भौतिक मूर्त रूप हैं. यह संगठनों को उन समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाता है, जिन्हें नियमित कंप्यूटर के साथ हल करना असंभव होता है.

अंत में मिशन का कार्यान्वयन एक नजर में 

IITM  सीजनल (Seasonal) और इंट्रा-सीजनल (Intra-seasonal) पैमाने पर पूर्वानुमान में सुधार के लिए समन्‍वय करेगा.
मध्यम अवधि पैमाने पर NCMRWF पाक्षिक पूर्वानुमान आधार पर पूर्वानुमानों में सुधार के प्रयासों में सर्वप्रथम समन्वय करेगा.

इन्हें IMD द्वारा प्रचालनात्‍मक बनाया जाएगा.

विभिन्न आकाशीय और स्थानिक रेंज में पूर्वानुमान में सुधार करने के लिए विशिष्ट परियोजनाओं और ठोस परिणामों से संबंधित राष्‍ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से प्रस्‍ताव आमंत्रित किये जाएंगे.

राष्ट्रीय भागीदारों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के वित्तपोषण के लिए भी प्रावधान किया जाएगा.

IITM और NCMRWF में HPC सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी.

Source: PIB, moes.gov.in

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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