भारत देश में 400 से अधिक नदियों का तंत्र है, जो विभिन्न दिशाओं से विभिन्न राज्यों से होते हुए बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में गिरती हैं। हालांकि, इन नदियों में कुछ प्रमुख नदियां हैं, जिनसे कई लोगों की धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही इन नदियों की अपनी जैव विविधता होने के साथ भूगोलिक रूप से भी अधिक महत्व है। इन्हीं नदियों में शामिल है एक ऐसी नदी, जो उल्टी दिशा में बहती है। ऐसे में इस नदी को भारत की उल्टी बहने वाली नदी के रूप में जाना जाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर कौन सी है यह नदी और इसके उल्टे बहने के पीछे क्या है वैज्ञानिक और पौराणिक वजह, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
कौन सी है उल्टी बहने वाली नदी
भारत में उल्टी दिशा में बहने वाली नदी नर्मदा नदी है। यह नदी दो बड़े राज्य यानि गुजरात और मध्यप्रदेश की प्रमुख नदी है। इस नदी की धारा प्रवाह उल्टी है। इसका मतलब यह है कि जहां एक तरफ अधिकांश नदियां पश्चिम दिशा से बहते से हुए पूर्वी दिशी की ओर बढ़ती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। वहीं, यह नदि पूर्व दिशा से बहती हुई पश्चिम दिशा की ओर बढ़ती है और अरब सागर में गिर जाती है।
उल्टा बहने की क्या है वैज्ञानिक वजह
नर्मदा नदी के उल्टे बहने की वजह के पीछे वैज्ञानिक कारण रिफ्ट वैली है। इसका यह मतलब होता है कि नदी का बहाव जिस दिशा में होता है, उसकी ढलान उसके विपरित दिशा में होती है। इस वजह से यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है।
क्या है पौराणिक वजह
भारत में नदियों से लोगों की धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं। इस नदी के उल्टा बहने के पीछे कुछ धार्मिक मान्यताएं भी हैं। उनमें से एक मान्यता यह है कि नर्मदा नदी का विवाह सोनभद्र से तय हुआ था, हालांकि नर्मदा की सहेली के रूप में मौजूद जोहिला की वजह से सोनभद्र और नर्मदा का विवाह नहीं हो सका। ऐसे में नर्मदा ने अजीवन कुंवारा रहने का फैसला किया और इसके तहत धारा के विपरित चलने का निर्णय लिया था। इस वजह से वह उल्टी दिशा में बहती है।
नर्मदी नदी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
-नर्मदा नदी भारत की 5वीं सबसे लंबी नदी है।
-यह नदी पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे लंबी नदी है।
-इस नदी को कुछ स्थानों पर रीवा नदी के रूप में भी जाना जाता है।
-नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की सबसे प्रमुख नदी के रूप में विख्यात है।
-इस नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के अनूपपूर जिले के अमरकंटक पठार से होता है।
-नर्मदा नदी का कुल मार्ग 1077 किलोमीटर है।
-भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल ओंकारेश्वर मंदिर भी नर्मदा नदी के तट पर बना हुआ है।
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