उत्तर प्रदेश के आंचल में विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं का मिश्रण मौजूद है। भारत के इस राज्य को धर्म, साहित्य, उद्योग, और संस्कृति की भूमि के रूप में भी जाना जाता है। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों की अपनी विशेष पहचान है, जो पूरे राज्य को विशेष बनाने का काम करती है।
इस कड़ी में आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला संतरे के शहर के रूप में भी जाना जाता है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले हैं, तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। साथ ही यहां 822 सामुदायिक विकास खंड, 351 तहसील और 17 नगर निगम हैं। प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया, सबसे पश्चिमी जिला शामली, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
अब हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला कौन-सा है, तो आपको बता दें कि प्रदेश का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है, जो कि 7680 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जबकि सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है।
कौन-सा जिला है संतरे का शहर
अब हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला संतरे के शहर के रूप में जाना जाता है, तो आपको बता दें कि यह जिला सहारनपुर है। सहारनपुर को हम नक्काशी के शहर के रूप में भी जानते हैं।
क्यों कहा जाता है संतरे का शहर
अब सवाल है कि आखिर सहारनपुर को ही हम संतरे के शहर के रूप में क्यों जानते हैं ? तो, इसका जवाब है कि यहां संतरे का अधिक उत्पादन होता है। यहां करीब 32 हजार हेक्टेयर में फलों का ही उत्पादन होता है। इसमें आम, अमरूद, लीची, संतरा व आढ़ू शामिल है। हालांकि, इन सभी फसलों में संतरे का अधिक उत्पदान होता है, जिसके बाद इसे भारत के अलग-अलग राज्यों में भेजा जाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation