भारत के किन राज्यों में प्रवेश के लिए लोगों का लगता है परमिट, जानें

Feb 20, 2023, 18:40 IST

भारत में कुछ ऐसे राज्य भी हैं, जहां यदि आप जाने का मन बना रहे हैं, तो आपको वहां जानने के लिए एक परमिट लेना पड़ेगा। वहीं, यह परमिट वहां की सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। कौन से हैं यह राज्य और क्यों लगता है परमिट, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

परमिट वाले राज्य
परमिट वाले राज्य

भारत में विभिन्न राज्य हैं, जो अपनी संस्कृति के लिए जाने जाते हैं। इसमें उत्तर भारत से लेकर दक्षिण और पूर्वी से लेकर पश्चिम भारत तक के राज्य शामिल हैं। यही वजह है कि भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां कुछ किलोमीटर पर ही भाषा और संस्कृति में बदलाव देखने को मिल जाएगा। वहीं, भारतीय संविधान के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता है। हालांकि, भारत में कुछ ऐसे राज्य भी हैं, जहां जाने के लिए आपको सबसे पहले परमिट लेना पड़ेगा। बिना परमिट के आप उस राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। यह वहां की सरकारों का नियम है। तो, आइये जानते हैं कौन से हैं ये राज्य और कौन सा और क्यों लगता है परमिट। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

 

अंग्रेज सरकार ने बनाया था कानून

अंग्रेज  सरकार ने 1873 में एक कानून बनाया था, जो कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन था। इसके तहत इनर लाइन परमिट(ILP) बनाया गया था। इसके तहत सरकार को शक्तियां मिलती हैं, जिससे  वह परमिट जारी करती है। 

 

किन-किन राज्यों में लेना होता है परमिट

भारत के नागालैंड, मिजोरम और अरूणाचल प्रदेश में प्रवेश करने के लिए इनर लाइन परमिट लेना होता है। वहीं, मेघालय में भी कुछ-कुछ इसी प्रकार की व्यवस्था लागू हो गई है, उधर लक्षद्वीप में भी कुछ ऐसी ही व्यवस्था देखने को मिल जाती है।

 

क्यों बनाया था कानून

अंग्रेज जब भारत आए, तो उन्होंने भारत पर कब्जा करना किया, जिससे ट्रेडिंग अधिकार अंग्रेजों के पास रहे। अंग्रेज असम तक पहुंचे और अंदर घुसना शुरू किया। उस समय यहां अलग-अलग हिल्स डिस्ट्रिक्ट थे। उन्होंने देखा कि वहां के मूल निवासी उनसे बात करने में दिलचस्पी नहीं रखते थे। अंग्रेजों ने कोशिश की वह उनसे बात करें, इसके लिए उन्होंने कई समझौते करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। वहीं, अग्रेंज चाहते थे जो असम का प्लेन इलाका वहां पर खेती कराई जा सके,जिसमें हस्तक्षेप नहीं हो। अंग्रेजों का मूल उद्देश्य था कि उनके द्वारा कराई जा रही व्यावसायिक गतिविधियों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो।

 

भारत ने अपनाया कानून

अंग्रेजी हुकूमत खत्म होने के बाद में भारत ने इस कानून को अपना लिया, जिससे उन राज्यों में रह रहे लोगों की संस्कृति की रक्षा की जा सके। साथ ही वहां के संसाधनों का भी दुरुपयोग न हो। 

 

कैसे बनता है आईएलपी

आईएलपी बनवाने के लिए आप अरूणाचल प्रदेश की आईएलपी वेबसाइट पर जा सकते हैं। वहीं, आप ऊपर दिए गए राज्यों के डीसी ऑफिस से भी फॉर्म ले सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरने के दौरान आपका मोबाइल नंबर भी पूछा जाएगा, जिसमें एक ओटीपी आएगा। पूरा फॉर्म भरने के बाद आपको परमिट मिल जाएगा।

 

इन श्रेणियों में मिलेगा परमिट

यदि आप आईएलपी राज्यों में जाने का मन बना रहे हैं, तो आपको अलग-अलग श्रेणी में आवेदन करना होगा। इसके लिए डोमेस्टिक श्रेणी, फोरन श्रेणी, लेबरल श्रेणी(एक साल),धर्मगुरु, छात्र,शिक्षक  और व्यवसायी की श्रेणी है।



पढ़ेंः दुनिया का अनोखा झरना, जो साल में कुछ मिनटों के लिए बदलता है अपना रंग

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News