भारत सरकार द्वारा ब्लैक कैट कमांडो को क्या सुविधाएं दी जाती हैं

साल 1984 में एनएसजी का गठन किया गया था. इनकी काली पोशाक के कारण इन्हें ब्लैक कैट कहा जाता है. अति-विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के अलावा विकट आतंकवादी हमलों से बचाव का जिम्मा भी एनएसजी पर ही होता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते है कि एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग कैसी होती है, इनकी सैलरी कितनी होती है, रैंक और क्या-क्या सुविधाएँ दी जाती है आदि.

Feb 21, 2018, 13:18 IST
Salary, Allowances, Facilities given to NSG
Salary, Allowances, Facilities given to NSG

नेशनल सिक्योरिटी गॉर्ड (एनएसजी) गृह मंत्रालय के तहत सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में से एक है. भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा और आतंकवादी हमलों से बचाव का जिम्मा देश के नेशनल सिक्योरिटी गॉर्ड (एनएसजी) का होता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते है कि एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग कैसी होती है, सैलरी और रैंक क्या होती है और इनको क्या-क्या सुविधाएँ दी जाती है आदि.
एनएसजी कमांडो के बारे में
- एनएसजी कमांडो हमेशा काले कपड़े, काले नकाब और काले ही सामान का इस्तेमाल करते हैं इसलिए इन्हें ब्लैक कैट कमांडो कहा जाता है.
- साल 1984 में एनएसजी का गठन किया गया था. अति-विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के अलावा विकट आतंकवादी हमलों से बचाव का जिम्मा भी एनएसजी पर ही होता है.
- एनएसजी को आतंकवादी हमले की स्थिति में आतंकवादियों पर काबू पाना, जमीन पर या हवा में आतंकवादियों द्वारा अगवा कर लिए गये लोगों को मुक्त कराना, बंधक बना लिए गये लोगों को छुड़ाना, बम की पहचान कर  निष्क्रिय करना आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है.
- 26/11 के मुंबई हमलों में भी ब्लैक कैट कमांडो ने स्थिति को नियंत्रित किया था.
एनएसजी का ध्येय वाक्य है- सबके लिए एक, एक के लिए सब.
एनएसजी कमांडो का वेतन और भत्ता
सुरक्षा गार्ड के लिए औसत वेतन लगभग 140,296 रुपये प्रति वर्ष है. क्या आप जानते है कि सातवें वेतन आयोग के कारण सुरक्षा समूह (एसपीजी) के अधिकारियों को मिलने वाले ड्रेस और भत्ते को बढ़ा दिया गया है. इस क्षेत्र में अधिकांश लोग 10 वर्षों के बाद अन्य पदों पर आगे बढ़ते हैं. एक सुरक्षा गार्ड के लिए अनुभव और रैंक के अनुसार ही वेतन और अन्य चीजों में इज़ाफा किया जाता है.
Salary (approx.) - Rs 84,236 - Rs 239,457    
Bonus (approx.) - Rs 153 - Rs 16,913    
Profit Sharing (approx.) - Rs 2.04 - Rs 121,361    
Commission (approx.) - Rs 10,000   
Total Pay (approx.) - Rs 84,236 - Rs 244,632
ऑपरेशनल ड्यूटी पर रहने वाले एसपीजी ऑफिसर्स को 27,800 रुपये सालाना और नॉन ऑपरेशनल ड्यूटी करने वालों को सालाना 21,225 रुपये का ड्रेस भत्ता मिलेगा. सातवें वेतन आने से पहले इन सभी को 9,000 रुपये सालाना ड्रेस का भत्ता मिलता था. जो जवान सियाचिन में ड्यूटी कर रहे है उनको  मिलने वाले भत्ते को 14,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है.

जानें भारत में SPG सुरक्षा किसको दी जाती है
एनएसजी कमांडो की रैंक
एनएसजी का रैंक क्रमशः पुलिस और सीएपीएफ के पैटर्न पर आधारित है.
अधिकारी (Officers)
(i) महानिदेशक (लेफ्टिनेंट जनरल)
(ii) अतिरिक्त महानिदेशक (लेफ्टिनेंट जनरल)
(iii) इंस्पेक्टर-जनरल (मेजर जनरल)
(iv) उपनिरीक्षक-जनरल (ब्रिगेडियर)
(v) समूह कमांडर (कर्नल)
(vi) स्क्वाड्रन कमांडर (लेफ्टिनेंट कर्नल)
(vii) टीम कमांडर (मेजर)
सहायक कमांडर (Assistant Commanders, JCOs)
(viii) सहायक कमांडर ग्रेड I (सुबेदार मेजर)
(ix) सहायक कमांडर ग्रेड II (सूबेदार)
(x) सहायक कमांडर ग्रेड III (नाइब सुबेदार)
अधिकारियों और सहायक कमांडरों के अलावा अन्य व्यक्ति
(xi) रेंजर ग्रेड I (Ranger Grade I)
(xii) रेंजर ग्रेड II (Ranger Grade II)
(xiii) मुकाबला ट्रेडर्स (Combatised tradesmen)
एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग कैसी होती हैं

Training of NSG commandos
Source: www.firstpost.com
- सीधी भर्ती एनएसजी में नहीं होती है. इसकी ट्रेनिंग के लिए भारतीय सेना और अर्ध-सैनिक बलों के सर्वश्रेष्ठ जवानों को चुना जाता है. ये जरूरी नहीं है कि उनमें भी सभी एनएसजी की ट्रेनिंग पूरी कर लें.
- फिजिकल ट्रेनिंग के लिए उम्र 35 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. सबसे पहले फिजिकल और मेंटल टेस्ट होता है. 12 सप्ताह तक चलने वाली ये देश की सबसे कठिन ट्रेनिंग होती है.
- शुरूआत में जवानों में 30-40 प्रतिशत फिटनेस योग्यता होती है, जो ट्रेनिंग खत्म होने तक 80-90 प्रतिशत तक हो जाती है.
- एनएसजी कमांडो को एक गोली से एक जान लेने की ट्रेनिंग दी जाती है. यानी ये कहा जा सकता है कि आपातकालीन स्थिति में ये कमांडो सिर्फ एक गोली चलाकर किसी आतंकवादी को बेजान कर सकते है.
- इन कमांडो को आँख बंद करके निशाना लगाने, अंधेरे में निशाना लगाने और बहुत ही कम रोशनी में निशाना लगाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है.
- बैटल असाल्ट ऑब्सक्टल कोर्स और सीटीसीसी काउंटर टेररिस्ट कंडिशनिंग कोर्स का प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
- एनएसजी कमांडो को आग के बीच से गुजरते हुए मुकाबला करने और गोलियों की बौछार के बीच से गुजरकर अपना मिशन पूरा करने और हथियार के साथ और हथियार के बिना दोनों तरह से मुकाबले की ट्रेनिंग दी जाती है.
- आईफैक्स ट्रेनिंग सिमुलेटर का इस्तेमाल करना एनएसजी के कमांडो ने अपनी निशानेबाजी को और भी अचूक बनाने के लिए शुरू कर दिया है. इसको और अच्छा करने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम की भी मदद ली जाती है.
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ड्राइवर, एनएसजी की सुरक्षा व्यवस्था का अभिन्न अंग है. इनमें से कुशल ड्राइवर चुनने के लिए अलग से प्रक्रिया अपनायी जाती है. और तो और इनको खतरनाक रास्तों, बारूदी सुरंग वाले रास्तों, हमलवारों से घिर जाने की स्थिति में ड्राइविंग इत्यादि की ट्रेनिंग भी दी जाती है.
- देश का इकलौता नेशनल बॉम्ब डेटा सेंटर भी एनएसजी के पास है. इस सेंटर में आतंकवादियों द्वारा उपयोग किए गए बम धमाकों और अलग अलग आतंकी गुटों के तरीके पर रिसर्च की जाती है.
ऐसा कहना गलत नहीं होगा की एनएसजी कमांडो भारत का प्रमुख कमांडो संगठन है, जो आतंक निरोधी फोर्स के तौर पर जाना जाता है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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