भारत में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिए सुरक्षा श्रेणियां

सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक अग्निहोत्री को गृह मंत्रालय ने 'अपने जीवन के लिए खतरा' की खुफिया जानकारी के आधार पर सीआरपीएफ के साथ Y-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'इंटेलिजेंस ब्यूरो के आकलन में पाया गया है कि उनकी जान को खतरा है। इनपुट्स के आधार पर उन्हें देशभर में Y कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।'
Film director Vivek Agnihotri has been given 'Y' category security with CRPF cover pan India: Government Sources
— ANI (@ANI) March 18, 2022
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हाल ही में, हिजाब फैसला सुनाने वाले कर्नाटक HC के न्यायाधीशों को Y-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। तीन जजों की बेंच में चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस खाजी एम. जयबुन्निसा शामिल हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "यह लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक संकेत है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस प्रकार की राष्ट्रविरोधी ताकतें न बढ़ें। देश की कानून व्यवस्था न्यायपालिका के कारण है। छद्म धर्मनिरपेक्ष क्यों हैं लोग अब चुप हैं, यह धर्मनिरपेक्षता नहीं, सांप्रदायिकता है। हमें एक साथ खड़ा होना होगा और इस अधिनियम का विरोध करना होगा।" उन्होंने आगे कहा कि "राज्य सरकार उन तीन उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को Y-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करेगी जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी सहित हिजाब विवाद में हालिया फैसला सुनाया था।"
भारत में, पुलिस और स्थानीय सरकार द्वारा गणमान्य व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान की जाती है। किसी राजनीतिक नेता या किसी विशिष्ट व्यक्ति को वीआईपी सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय खतरे की धारणा के स्तर पर निर्भर करता है।खुफिया विभागों द्वारा खतरे के आकलन के बाद यह निर्णय लिया जाता है कि किस व्यक्ति को किस प्रकार की सुरक्षा प्रदान की जाएगी| खतरे के आधार पर वीआईपी सुरक्षा पाने वालों में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, नौकरशाह, पूर्व नौकरशाह, जज, पूर्व जज, बिजनेसमैन, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिक कोई भी हो सकता है।
आइये सबसे पहले देखते हैं कि वीआईपी (VIPs) को किस प्रकार सुरक्षा मुहैया कराई जाती है?
जब वीआईपी (VIPs) पर कोई खतरा होता है तो सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती हैं| दूसरी तरफ सुरक्षा हासिल करने के लिए सुरक्षा की मांग करने वाले को संभावित खतरा बता कर सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है। यह आवेदन उसे अपने निवास स्थान के नजदीक करना पड़ता है| फिर राज्य सरकार उस व्यक्ति के बताए खतरे का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों को केस सौंपती है और रिपोर्ट मांगती है| जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तब राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति यह तय करती है कि उस व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए| इसके बाद औपचारिक मंजूरी के लिए इस व्यक्ति का ब्यौरा केंद्रीय गृह मंत्रलय को भी दिया जाता है| गृह सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति खुफिया रिपोर्ट तय करती है कि किस व्यक्ति को कितना खतरा है तथा उसे किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
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क्या आपको पता हैं कि कौन-सी एजेंसियां वीआईपी (VIPs) को सुरक्षा प्रदान करती है?
सबसे उच्चतम स्तर की श्रेणी जेड प्लस है। इसका जिम्मा एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) जैसी एजेंसियों पर होता है| अति विशिष्ट व्यक्तियों/नेताओं/ खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है| एनएसजी बड़े पैमाने पर 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा वीआईपी और वीवीआईपी को देती है | कई एनएसजी जवान स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के तहत प्रधानमंत्री की सुरक्षा करते हैं|
एनएसजी देश का सबसे अत्याधुनिक सुरक्षा बल है जो विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है| लेकिन पिछले कई वर्षों से जेड प्लस श्रेणी की सुविधा लेने वालों की संख्या में जिस प्रकार बढ़ोतरी हो रही है, उसे देखते हुए एनएसजी के बोझ को कम करने के लिए यह जिम्मा सीआईएसएफ को भी सौंपा गया है| अभी 15 लोगों से ज्यादा लोगों को जेड प्लस श्रेणी की सुविधा एनएसजी द्वारा दी जा रही है और कुछ व्यक्तियों को सीआईएसएफ की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है| इससे ऐसा कहा जा सकता है कि सीआईएसएफ पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है|
अब सवाल यह उठता है कि ये सुरक्षा होती कैसे है?
क्या आप जानते है कि अगर किसी व्यक्ति को जेड प्लस श्रेणी की सुविधा दी गई है तो उसे पूरे देश में यह सुविधा मिलेगी। इसके लिए एक मैकेनिज्म होता है| जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि जेड प्लस श्रेणी कि सुरक्षा में एनएसजी या सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते है, परन्तु जब वह व्यक्ति राज्य से बाहर जाता है तो कुछ ही जवान उसके साथ रहते हैं, बाकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उस राज्य की होती है, जहाँ वह व्यक्ति जा रहा होता है| इसके लिए वीआईपी को अपने दौरे की पूर्व सूचना राज्य को देनी होती है| सुरक्षा इंतजामों की इस प्रक्रिया को कतई उजागर नहीं किया जाता है।
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सुरक्षा की विभिन्न श्रेणियों का विस्तारपूर्वक विवरण:
- जेड प्लस श्रेणी: यह 55 जवानों का एक सुरक्षा कवच है, जिसमें 10 से अधिक NSG कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं|
- जेड श्रेणी: यह 22 जवानों का एक सुरक्षा कवच है, जिसमें 4 या 6 NSG कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं|
- वाई श्रेणी: यह 8 जवानों का एक सुरक्षा कवच है, जिसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं|
- एक्स श्रेणी: यह 2 जवानों का एक सुरक्षा कवच है, जिसमें केवल सशस्त्र पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं|
एसपीजी (SPG) सुरक्षा
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स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री, भूतपूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को मिलती है। परन्तु भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए यह सुरक्षा केवल छह महीने तक रहती है| लेकिन कुछ विशेष कानूनी प्रावधान के जरिये यह सुविधा अनिश्चितकाल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एवं उनके परिजनों को दी गई है।
जेड प्लस (Z+) श्रेणी
जैसा कि हम जानतें हैं कि यह उच्चतम श्रेणी की सुरक्षा है और इसमें 55 जवान सुरक्षा प्रदान करते हैं। क्या आप जानतें है कि ये जवान मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित होते है और बिना किसी हथियार के भी दुश्मन से लड़ने में सक्षम होते हैं।जैमर, रोड ओपनिंग वाहन आदि भी जेड प्लस श्रेणी के सुरक्षा काफिले में दिए जाते हैं।
जेड (Z) श्रेणी
जिन लोगों को थोड़ा कम खतरा होता है उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है. इसमें 22 जवान सुरक्षा प्रदान करते हैं। योग गुरु रामदेव और कई अभिनेताओं को जेड सुरक्षा प्रदान की जाती है। यह दिल्ली पुलिस या आईटीबीपी या सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा प्रदान की जाती है.
वाई (Y) श्रेणी
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इसमें 8 जवान सुरक्षा प्रदान करते हैं। इनमें पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के जवान होते हैं | ऐसी सुरक्षा प्राप्त लोगों की संख्या काफी है।
एक्स (X) श्रेणी
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इसमें दो जवान रहतें हैं और आमतौर पर राज्य पुलिस बलों से ही लिए जाते हैं। ये पीएसओ के नाम से जानें जाते हैं | ऐसी सुरक्षा प्राप्त लोगों की संख्या भी काफी है।
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