जानें ‘भारत के एडिसन’ शंकर आबाजी भिसे के बारे में

Jul 17, 2019, 11:17 IST

क्या आपने शंकर अभाजी भिसे का नाम सुना है? ये भारत के ऐसे महान वैज्ञानिक है जिन्हें ‘एडिसन ऑफ इंडिया’ या ‘भारत का एडिसन’ भी कहा जाता है. इन्होंने एक नहीं दो नहीं बल्कि 200 अविष्कार किए और पूरी दुनिया को चौका दिया. आइये डॉ. शंकर अबाजी भिसे के बारे में इस लेख के माध्यम से जानते हैं.

Shankar Abaji Bhise
Shankar Abaji Bhise

कई भारतीय वैज्ञानिकों ने अपने उल्लेखनीय उपलब्धियों से हमारे देश को गौरवान्वित किया है. उनमें से एक डॉ. शंकर अबाजी भिसे थे, जिन्हें 19वीं शताब्दी में प्रसिद्धि प्राप्त हुई,  जब भारत में शायद ही ऐसी कोई वैज्ञानिक स्वभाव को विकसित करने वाली संस्थाएं थी. डॉ.शंकर अबाजी भिसे का जन्म 29 अप्रैल, 1867 को मुंबई में हुआ था.

डॉ. शंकर अबाजी भिसे द्वारा किए गए अविष्कार

उन्होंने वजन और पैकिंग के लिए ऑटोमेटिक मशीन का निर्माण किया. अभाजी को बचपन से ही विज्ञान में काफी रूचि थी. 14 साल की उम्र में उन्होंने कोल गैस बनाने वाले उपकरण का अविष्कार किया और 16 साल की उम्र में उन्होंने विदेश में जाने का फैसला लिया.

- 1890-95 के दौरान उन्होंने ऑप्टिकल इलूजन पर काम किया. उन्होंने एक ठोस पदार्थ को दूसरे ठोस पदार्थ में परिवर्तित करने कि प्रक्रिया का प्रदर्शन किया. इंग्लैंड के मैनचेस्टर में उन्होंने इस तरह के शो का आयोजन किया. यूरोप के लोगों के अविष्कार के सामने उनके अविशार को क्ष्रेष्ठ माना गया. इस पर अल्फ्रेड वेब वैज्ञानिक ने उनकी तारीफ की और उनको गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया.

- मुंबई में उन्होंने एक साइंस क्लब की स्थापना की.

- विज्ञानं पत्रिका विविध कला प्रकाश का प्रकाशन मराठी भाषा में भी किया. इस पत्रिका के द्वारा वे लोगों को सरल भाषा में विज्ञान के बारे में बताते थे.

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- जब अभाजी भिसे इस पत्रिका का प्रकाशन कर रहे थे तभी लंदन से प्रकाशित होने वाली पत्रिका में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता का विषय वजन और पैकिंग के लिए एक ऑटोमेटिक मशीन था.

- इस प्रतियोगिता में एक ऐसी मशीन का निर्माण करना था जो आटा, चावल के ढेर में से 500 gm या 1 किलो उठाकर खुद से पैक कर दे.

- इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वे लंदन गए और वहां प्रतियोगिता को जीता. उनके द्वारा किया गया मशीन का डिज़ाइन काफी अच्छा माना गया. इसके बाद से लोग उनको हर जगह जानने लगे थे और इसके साथ उनकी अपनी एक अलग पहचान बन गई. यह उनके करियर का स्वर्णिम दौर था और उन्होंने अपने कई आविष्कारों को पेटेंट कराया.

- उन्होंने कई रसोई के उपकरण, एक टेलीफोन, सिर दर्द को ठीक करने के लिए एक उपकरण और स्वचालित रूप से फ्लशिंग टॉयलेट का आविष्कार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

- अभाजी भिसे का सबसे प्रसिद्ध आविष्कार टाइप-सी कास्टिंग और कम्पोजिंग मशीन थी.

Printing s type machine

उस समय टाइप-सी कास्टिंग की रफ्तार काफी धीमी होती थी. भिसे द्वारा बनाई गई मशीन के कारण छपाई काफी तेज होने लगी थी. लंदन के कुछ वैज्ञानिकों और कुछ इंजिनियरों को उनके द्वारा बनाई गई इस मशीन पर भरोसा नहीं हुआ और उनको चुनौती दे दी. अभाजी ने चुनौती को स्वीकार किया और 1908 में एक ऐसी मशीन का निर्माण किया जिससे अलग-अलग अक्षरों में छपाई हो सकती थी. यानी हर मिनट 1200 अलग-अलग अक्षरों की छपाई और असेंम्बलिंग हो सकती थी. तभी से डॉ. शंकर अबाजी भिसे को ‘एडिसन ऑफ इंडिया’ या ‘भारत का एडिसन’ कहा जाने लगा. उस समय उद्योग के नेताओं की तुलना में पुस्तकों और समाचार पत्रों को जल्दी और सस्ते में मुद्रित किया जा सकता था और वो भी इस मशीन के जरिये.

स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक, दादाभाई नौरोजी ने अभाजी भिसे के सभी प्रयासों में उनका समर्थन किया. उन्होंने ब्रिटेन में अभाजी भिसे को निवेशकों को खोजने में मदद की, लेकिन उम्मीद के मुताबिक चीजें नहीं हो पाई. भारत में भी, रतन टाटा ने उनके आविष्कारों को वित्तपोषित करने का निर्णय लिया, लेकिन उनकी प्रिंटिंग की परियोजना नहीं चल पाई. यह सब उनके पतन का कारण बना और शायद इसीलिए उनका नाम इतिहास के पन्नों में कहीं खो गया. डॉ. शंकर अबाजी भिसे का निधन 7 अप्रैल, 1935 को हुआ था.

तो अब आप जान गए होंगे कि डॉ. शंकर अबाजी भिसे ने उस समय कई ऐसे अविष्कार किए जिससे पूरे विश्व में उनको ख्याति प्राप्त हुई और साथ ही सबने उनके अविष्कारों को स्वीकारा. 200 अविष्कारों में से लगभग 40 अविष्कार उनके नाम पर पेटेंट भी हुए. इसमें कोई संदेह नहीं कि उस टाइम के अविष्कारों के कारण उनको भारत का एडिसन कहा गया.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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