विश्व में कुल 195 देश हैं, जो कि अलग-अलग क्षेत्रफल के साथ अलग-अलग महाद्वीपों पर बसे हुए हैं। हालांकि, इनमें से सिर्फ 193 देशों को ही संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता मिली हुई है।
इन देशों में कई देश अपने क्षेत्रफल के साथ काफी बड़े, तो कई देश काफी छोटे हैं। वहीं, कुछ देश मध्यम आकार के भी हैं। हर देश की अपनी संस्कृति और इतिहास है, जो कि उसे अन्य देशों से अलग बनाती है। हालांकि, क्या आपको दुनिया के सबसे छोटे देश के बारे में पता है।
इस जगह की आबादी सिर्फ किसी कस्बे या मोहल्ले में रहने वाली लोगों की जनसंख्या के बराबर है। क्या आपको इस देश की जानकारी है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम ऐसे देश के बारे में जानेंगे। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
यह है दुनिया का सबसे छोटा देश
दुनिया का सबसे छोटा देश यूरोप में रोम के दिल में बसी हुई वैटिकन सिटी है, जिसका कुल क्षेत्रफल सिर्फ 0.44 वर्गकिलोमीटर है। इसके साथ यह दुनिया का सबसे छोटा और स्वतंत्र देश है।
कितनी है देश की आबादी
दुनिया के सबसे छोटे देश की आबादी भी सबसे कम है। यहां रहने वाले लोगों की जनंसख्या की बात करें, तो साल 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर सिर्फ 518 लोगों की आबादी रहती है।
यहां की आबादी की ग्रोथ रेट -72 पर्सेंट है, जो कि पूरे विश्व में 62वें नंबर पर है। वहीं, जनसंख्या के हिसाब से यह देश पूरे विश्व में 237वीं रैंक पर है।
क्या है वैटिकन सिटी का इतिहास
इस देश के इतिहास की बात करें, तो आठवीं शताब्दी में रोम के आसपास के इलाकों में चर्च का शासन माना जाने लगा था। इसके बाद पेपल स्टेट्स को जगह मिली। वहीं, साल 1870 में इटली ने पेपल स्टेट्स को अपने अधिकार क्षेत्र में लिया लिया था।
इस वजह से इटली और चर्च में तनाव पैदा गया था। साल 1929 में इटली ने रोमन कैथोलिक चर्च के साथ समझौता कर 109 एकड़ जगह दी, जिसे स्वतंत्र माना गया। ऐसे में दुनिया के सबसे छोटे देश वैटिकन सिटी की नींव पड़ी।
पर्यटन के लिए है मशहूर
वैटिकन सिटी पर्यटन के लिहाज से काफी मशहूर है। यहां देश-विदेश से लोग संग्रहालय और पुस्तकालय देखने के लिए आते हैं।
इसके अलावा यहां पर गिरजाघरों और मकबरों की बनावट भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
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