मानसून की दस्तक से पहले समूचा उत्तर भारत प्रचंड गर्मी से जूझ रहा है। देश के कई राज्यों में लू लगने के मामले भी सामने आ रहे हैं। सूरज के कड़े तेवर के आगे लोग बेहाल हैं। वहीं, उमस ने भी लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
ऐसे में खुद को तरोताजा रखने के साथ शरीर में पानी की मात्रा पूरी करने के लिए लोग ऐसे फलों का सेवन कर रहे हैं, जिसमें स्वाद के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में पानी भी उपलब्ध होता है। इन फलों में लीची फल भी शामिल है, जिसमें स्वाद के साथ-साथ अधिक पानी भी मौजूद होता है।
हालांकि, क्या आपको पता है कि लीची का फल भारत का नहीं, बल्कि विदेश का फल है। इस लेख के माध्यम से हम लीची की उत्पत्ति को लेकर जानेंगे।
गर्मियों का प्रमुख फल है लीची
भारत में गर्मियों में लीची प्रमुख फल के रूप में जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम(Litchi Chinensis) है। यह एक प्रकार का उष्णकटीबन्धीय फल है, जो कि स्वाद में खट्टा-मीठा होता है।
किस देश का फल है लीची
लीची मुख्यतः चीन देश का फल है। यही वजह है कि चीन को लीची का मूल निवास कहा जाता है। इस देश से उत्पत्ति होने के बाद यह फल देश-विदेश तक फैला और लोगों की जुबान तक पहुंचा। खाने में मीठा और ताजा होने का कारण लोगों ने इसे काफी पसंद किया।
क्या है लीची का इतिहास
लीची के इतिहास की बात करें, तो लीची की खेती चीन के दक्षिण क्षेत्र में 1059 ईस्वी में हुई थी। वहीं, चीन के कुछ रिकार्ड्स के मुताबिक, इसका इतिहास 2000 ईसा पूर्व तक बताया जाता है। चीन के इंपेरियल कोर्ट में इस फल का उपयोग स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में किया जाता था।
किन-किन देशों में मौजूद है लीची
चीन से उत्पत्ति होने के बाद भारत, मैडागास्कर, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, उत्तरी वियतनाम, दक्षिण ताइवान, थाईलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस में इस फल का सेवन किया जाता है।
भारत में कहां होती है लीची की खेती
भारत में लीची की खेती का गढ़ मुख्यरूप से देहरादून को कहा जाता है। विकास नगर, वसंत विहार, नारायणपुर, कालूगढ़, रायपुर, डालनवाला और राजपुर रोड पर प्रमुख रूप से लीची की खेती की जाती है।
शुरुआत में स्थानीय लोगों ने लीची की खेती में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, लेकिन 1950 के बाद लोगों ने इसे पंसद करना शुरू किया और इसकी खेती भी बढ़ने लगी।
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