भारतीय रेलवे का इतिहास उठाकर देखें, तो पहली रेल 16 अप्रैल,1853 में मुंबई से ठाणे से बीच चली थी। हालांकि, आज ट्रेन का सफर भारत के सभी शहरों तक पहुंच चुका है। इस कड़ी में दिन-प्रतिदिन रेलवे में ट्रैक किलोमीटर की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में भारतीय रेलवे के पास 67 हजार किलोमीटर से अधिक का ट्रैक है, जिन पर 13 हजार से अधिक पैसेंजर ट्रेनों का संचालन किया जाता है।
इन ट्रेनों में प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर कर अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं। आपने भारत में अलग-अलग रेलवे स्टेशनों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कुल कितने रेलवे स्टेशन हैं
भारतीय रेलवे ने 2020 में वाणीज्यिक उद्देश्य के लिए 9274 रेलवे स्टेशनों का विवरण दिया था। हालांकि, अलग-अलग लेखों में भारत में कुल रेलवे स्टेशनों की संख्या 7300 से 7500 तक बताई गई है। इन रेलवे स्टेशनों में हॉल्ट स्टेशन से लेकर टर्मिनल तक शामिल हैं।
रेलवे में प्रतिदिन कितने यात्री सफर करते हैं
रेलवे में प्रतिदिन 22 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इनमें 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनें होती हैं, तो करीब 9 हजार गुड्स ट्रेनें होती हैं। पैसेंजर ट्रेनों में कुल यात्रियों की संख्या की बात करें, तो इनकी संख्या करीब 2.5 करोड़ है। ये यात्री रेलवे के लोकल ट्रेनों से लेकर हाई स्पीड और लग्जरी ट्रेनों में सफर करते हैं।
सबसे छोटा रेलवे स्टेशन कौन-सा है
अब हम यह जान लेते हैं कि भारत का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन कौन-सा है, तो आपको बता दें कि यह ओडिसा का बांसपानी रेलवे स्टेशन है।
कितना छोटा है रेलवे स्टेशन
ओडिसा के बांसपानी रेलवे स्टेशन की बात करें, तो यह सिर्फ 140 मीटर लंबा ही बड़ा है और यहां सिर्फ एक प्लेटफॉर्म है। इस स्टेशन से अधिक यात्री तो सफर नहीं करते हैं, लेकिन खनिजों के परिवहन के लिए यह महत्त्वपूर्ण स्टेशन है।
बहुत ही कम ट्रेनों का होता है ठहराव
ओडिसा के क्योंझर जिले में स्थित बांसपानी रेलवे स्टेशन प्रमुख स्टेशनों में नहीं है। ऐसे में यहां सुपरफास्ट या एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होता है। प्लेटफॉर्म की संख्या सिर्फ 1 होने की वजह से यहां भीड़ भी नहीं होती है। ऐसे में यहां सिर्फ कुछ लोकल ट्रेनों का ही ठहराव होता है। इसके अतिरिक्त, कुछ गुड्स ट्रेनों को यहां लौह अयस्क के लिए रोका जाता है।
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