बिहार भारत के प्रमुख राज्यों में शामिल है, जिसका आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक महत्त्व है। यहां की राजव्यवस्था का असर भारत के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। वहीं, बिहार को ज्ञान और समर्पण की भूमि भी कहा जाता है। इन सभी पहलुओं के साथ-साथ यहां पर्यावरण और जैव विविधता का भी उतना ही महत्त्व है, जिसमें यहां की नदियां भी शामिल हैं।
आपने बिहार की शोक नदी के बारे में पढ़ा और सुना ही होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि बिहार की 5 सबसे छोटी नदियां कौन-सी हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
बिहार की सबसे छोटी नदी
सबसे पहले हम बिहार की सबसे छोटी नदी के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि बिहार की सबसे छोटी नदी किऊल नदी है। यह नदी गंगा की सहायक नदी के तौर पर भी जानी जाती है, जो कि झारखंड से शुरू होकर बिहार के जमुई और लखीसराय से होकर बहती है।
बिहार की दूसरी सबसे छोटी नदी
बिहार की दूसरी सबसे छोटी नदी की बात करें, तो यह चांदन नदी है। इस नदी की कुल लंबाई 118 किलोमीटर है, जो कि बिहार के दक्षिण-पूर्वी भाग से होकर बहती है। इस नदी के किनारे बांका शहर बसा हुआ है। वहीं, यह नदी भागलपुर से होकर बहती है।
बिहार की तीसरी सबसे छोटी नदी
बिहार की तीसरी सबसे छोटी नदी की बात करें, तो यह बदुआ नदी है। यह नदी 130 किलोमीटर है। यह नदी बांका-मुंगेर जिला के पास होकर बहती है। यह सुल्तानगंज से 30 से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बिहार की चौथी सबसे छोटी नदी
बिहार की चौथी सबसे छोटी नदी की बात करें, तो यह कर्मनाशा नदी है। इस नदी की कुल लंबाई 192 किलोमीटर है, जो कि बिहार के कैमूर जिले से निकलती है। यह नदी बिहार के बक्सर में चौसा गांव में गंगा नदी से मिलती है।
बिहार की 5वीं सबसे छोटी नदी
बिहार की 5वीं सबसे छोटी नदी की बात करें, तो यह कमला नदी है। इसी नदी की कुल लंबाई 318 किलोमीटर है, जिसका मिथिलांचल में गंगा के बाद सबसे अधिक महत्त्व है। यह नदी स्थानीय स्तर पर कृषि और जैव विविधता के लिए अधिक महत्त्वपूर्ण है। नदी के आसपास मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र भी है, जिससे जलवायु पर अधिक असर पड़ता है।
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