Bihar Diwas 2024: हर साल 22 मार्च को देश में बिहार दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि इस दिन को बिहार राज्य के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति, बौद्ध स्थलों और अनूठी पंरपराओं के लिए जाना जाता है।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि 22 मार्च को ही बिहार दिवस का आयोजन क्यों किया जाता है। बिहार का सबसे बड़ा जिला कौन-सा है, बिहार का राजकीय पक्षी कौन-सा है और बिहार आंदोलन कब शुरू हुआ था। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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22 मार्च को क्यों मनाया जाता है बिहार दिवस
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर 22 मार्च को ही बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है, तो आपको बता दें कि पहले बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिसा एक ही प्रांत का हिस्सा था। लेकिन, साल 1912 में 22 मार्च को पश्चिम बंगाल को बिहार से अलग कर दिया गया, जिससे बिहार का जन्म हुआ। इसके बाद 1936 में इस राज्य से ओडिसा को अलग कर दिया गया। अंत में साल 2000 में झारखंड राज्य को बिहार से अलग कर दिया गया।
बिहार का सबसे बड़ा जिला
अब हम बिहार के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह पश्चिम चंपारण जिला है, जो कि 5228 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वर्तमान में बिहार में कुल 38 जिले हैं।
बिहार का राजकीय फूल कौन-सा है
हर राज्य का अपना राजकीय फूल होता है। ऐसे में बिहार राज्य का भी अपना राजकीय फूल है, जो कि गेंदे का फूल है।
बिहार का राजकीय पक्षी कौन है
हर राज्य की अपना राजकीय पक्षी होता है। ऐसे में बिहार का भी अपना एक राजकीय पक्षी है, जो कि गौरेया है। आपको बता दें कि दिल्ली का राजकीय पक्षी भी गौरेया है।
कब हुआ था बिहार आंदोलन
भारत के इतिहास में कई महत्त्वपूर्ण आंदोलन हुए हैं, जिन्होंने देश को नई दिशा दी। इस कड़ी में बिहार के आंदोलन भी प्रमुख हैं। महात्मा गांधी द्वारा साल 1917 में बिहार के चंपारण जिले से ही अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया गया था। इसके अलावा 1857 की क्रांति में भी बिहार के कुंवर सिंह को याद किया जाता है। साथ ही साल 1974 का जेपी आंदोलन यहां के बड़े आंदोलनों में आता है, जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्रों द्वारा किया गया था। इसका नेतृत्व जय प्रकाश नारायण कर रहे थे।
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