दुनिया में आपको पक्षियों की बहुत से प्रजातियां देखने को मिलेंगी। यदि कुल प्रजातियों की बात करें, तो 9,000 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पूरी दुनिया में मौजदू हैं। वहीं, इनमें से 1,000 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां भारत में ही मौजूद हैं, जो कि अलग-अलग प्रकार की जैव विविधता के साथ भारत के अलग-अलग इलाकों में पाई जाती हैं।
इन पक्षियों का दीदार करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी भी देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचते हैं। भारत में कुछ पक्षियों की प्रजातियां यहां मौजूद हैं, जबकि कुछ पक्षी विदेशों से यहां पर प्रवासी पक्षी के तौर पर पहुंचते हैं और कुछ समय तक रहने के बाद वे मौसम अनुकूल होने के बाद फिर से वापस लौट जाते हैं।
हालांकि, भारत में एक ऐसा पक्षी भी पाया जाता है, जो कि धरती पर मौजूद पानी के स्त्रोत पर निर्भर नहीं रहता है, बल्कि बारिश के पानी पर ही आश्रित होता है। यह पक्षी सिर्फ बारिश का पानी ही पीता है। कौन-सा है यह पक्षी, इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
कौन-सा है बारिश का पानी पीने वाला पक्षी
बारिश के पानी पर निर्भर रहने वाला पक्षी चातक पक्षी है। भारतीय साहित्य में इस पक्षी को लेकर यह माना जाता है कि यह बरसात की पहली बूंद को पीता है, फिर चाहे इस पक्षी को कितनी भी प्यास लगी हो, यह पक्षी तब भी धरती पर मौजूद पानी के अन्य स्त्रोत से पानी नहीं पीता है।
इस पक्षी के बारे में यह भी कहा जाता है कि यदि इस पक्षी को झील के पानी में भी डाल दिया जाएगा, तब भी यह झील का पानी नहीं पीयेगा।
कहां-कहां पाया जाता है यह पक्षी
दुनिया का यह अनोखा पक्षी मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीकी महाद्वीप पर पाया जाता है। इस पक्षी को मारवाड़ी भाषा में मेकेवा और पपीहा भी कहा जाता है। ऐसे में कुछ भारतीय गानों में इस पक्षी का जिक्र भी किया गया है।
किस तरह दिखता है यह पक्षी
चातक पक्षी काले रंग का होता है, जिसके पंख में सफेद रंग भी देखने को मिलता है। वहीं, इसके सिर पर एक कलगी भी बनी होती है। आवाज निकालने में भी यह पक्षी तेज होता है, जो कि तेज आवाज निकालता है। भारत में यह पक्षी दक्षिण अफ्रीका से प्रवासी पक्षियों के तौर पर आए थे।
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