उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वविख्यात है। यहां का प्राचीन इतिहास इसे अन्य राज्यों से अलग बनाता है। इतिहास की किताबें उठाकर देखें, तो हमें यहां राज करने वाले कई सुल्तानों और मुगल बादशाहों का जिक्र मिलता है।
इनमें से आपने मुगल बादशाह अकबर के बारे में जरूर सुना या पढ़ा होगा, जिसे अकबर द ग्रेट के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में कई ऐतिहासिक इमारतें मुगल बादशाह की देन है। अकबर ने अपना जीवन का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही बिताया। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले में मुगल बादशाह अकबर का मकबरा है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले
सबसे पहले हम उत्तर प्रदेश के कुल जिलों के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके साथ ही यहां 200 नगर पालिका परिषद्(2022), 17 नगर निगम, 351 तहसील, 546 नगर पंचायत, 75 जिला पंचायत, 826 सामुदायिक विकास खंड और 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश में अकबर द्वारा बनवाई गईं इमारतें
उत्तर प्रदेश में मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाई गई इमारतों की सूची देखें, तो वे इस प्रकार हैंः
-आगरा का किला
-बुलंद दरवाजा
-फतेहपुर सीकरी
-इलाहबाद का किला
-जोधा बाई का महल
किस जिले में है अकबर का मकबरा
अकबर के मकबरे की बात करें, तो यह उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के उपनगर सिकंदरा में स्थित है, जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर है। हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं।
किसने करवाया था मकबरे का निर्माण
इस मकबरे का निर्माण उनके बेटे जहांगीर द्वारा 1605 में शुरू करवाया गया था। यह मकबरा 1613 में बनकर पूरा हुआ और उस समय इस बनवाने में करीब 15 लाख रुपये की लागत आई थी। लाल बलुआ पत्थरों से बना यह मकबरा अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
अकबर की मृत्यु के बाद इस मकबरे पास उनकी पत्नी जोधा बाई द्वारा बगीचे का निर्माण करवाया गया था। जोधा बाई की मृत्यु के बाद जहांगीर द्वारा जोधा बाई को भी अकबर की कब्र के पास दफना दिया गया। वह एकमात्र उनकी पत्नी हैं, जिनकी कब्र अकबर के पास है।
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