भारत सरकार समय-समय पर संकट की स्थिति में दूसरे देशों से भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन चलाती है। इसके तहत दूसरे देशों में फंसे लोगों को वापस हिंदुस्तान लाया जाता है। इस बार भारत ने Operation Kaveri शुरू किया है। इसके तहत सूडान में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाया जा रहा है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर ऑपरेशन कावेरी क्या है और क्यों इसे यह नाम दिया गया है। वहीं, अभी तक पूर्व में भारत के कौन-कौन से प्रमुख ऑपरेशन रहे हैं।
क्या है Operation Kaveri
Operation Kaveri एक रेस्क्यू ऑपरेशन है, जो कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 24 अप्रैल, 2023 को शुरू किया गया है। इसके तहत संकटग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को वापस स्वदेश लौटने में मदद की जा रही है। इसके लिए भारत की ओर से भारतीय वायु सेना के दो एयरक्राफ्ट और भारतीय नौसेना के शिप सुमेधा को ऑपरेशन में शामिल किया गया है।
इन देशों से भी किया गया है संपर्क
विदेश मंत्रालय और सूडान में स्थित भारतीय दूतावास इस ऑपरेशन के अलावा अमेरिका, डुबई, मिस्र, संयुक्त राष्ट्र और सऊदी अरब के संपर्क में है, जिससे भारतीयों की अधिक से अधिक मदद की जा सके।
कितने लोगों के फंसे होने की है संभावना
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूडान में 2800 से 3000 भारतीयों के फंसे होने की संभावना है। यही वजह है कि भारत ने कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन कावेरी को शुरू किया है। यह ऑपरेशन राज्य विदेश मंत्री वी. मुरलीधरन की देखरेख में चल रहा है, जो कि सूडान में मौजूद हैं।
क्यों दिया गया है ऑपरेशन कावेरी नाम
भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी नाम महत्वपूर्ण है। क्योंकि, भारत में कावेरी नदी दक्षिण भारत में बहने वाली प्रमुख नदी है। यह नदी कर्नाटक और तमिलनाडू राज्यों से होते हुए बहती है। इस नदी से स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है। यही वजह है कि लोग इस नदी को कावेरीअम्मा कहकर भी बुलाते हैं। वहीं, न्यूज एजेंसी ANI से इस सवाल के जवाब में भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि नदियां बिना किसी बाधा के अपनी मंजिल तक पहुंचती हैं। यह ऑपरेशन मां की तरह अपने बच्चों को उनके घरों तक सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगा।
सूडान में क्यों है संकट
क्षेत्रफल की हिसाब से सूडान अफ्रीका का सबसे बड़ा देश है। सूडान में बीते दिनों से आर्मी और पैरामिलिट्री समूह के बीच संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान और पैरामिलिट्री( रैपिड सपोर्ट फोर्स) के चीफ हमदान दगालो के बीच चल रहा है। दरअसल, सूडान में साल 2021 से ही संघर्ष चल रहा है। इस वर्ष यहां पर तख्तापलट किया गया था, जिसके बाद से यहां दो बड़ी ताकतवर फोर्स के बीच वर्चस्व को लेकर संघर्ष शुरू हुआ। बुरहान चाहते हैं कि वह किसी निर्वाचित सरकार को ही सत्ता की गद्दी हंस्तारित कर दें, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी। वहीं, रैपिड फोर्स के सैनिक यदि आर्मी में मिल जाएंगे, तो नई सेना का नेतृत्व कौन करेगा। इस पर भी सहमति नहीं बन पा रही है, नतीजन सूडान में संकट चल रहा है, जिसमें कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं।
भारत द्वारा पूर्व में किए गए कुछ ऑपरेशन
-ऑपरेशन गंगाः इस ऑपरेशन को फरवरी 2022 में शुरू किया गया था, जिसके तहत भारत की ओर से यूक्रेन में फंसे मेडिकल के छात्रों को 76 फ्लाइट के माध्यम से वापस भारत लाया गया था।
-ऑपरेशन देवशक्तिः इस ऑपरेशन को अगस्त 2021 में लांच किया गया था, जब अफगानिस्तान पर तालिबानियों ने कब्जा कर लिया था। उस समय भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला गया था।
-ऑपरेशन वंदे भारतः यह ऑपरेशन 7 मई, 2020 को शुरू किया गया था। इसके तहत कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न देशों में फंसे करोड़ों भारतीयों को दो लाख से अधिक फ्लाइट के माध्यम से वापस भारत लाया गया था।
-ऑपरेशन समुद्र सेतुः यह एक नेवल ऑपरेशन था, जिसमें कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को शिप के माध्यम से भारत लाया गया था।
-ऑपरेशन राहतः यह साल 2015 में लांच किया गया था, जिसके तहत यमन में तनाव के समय कई भारतीयों को वापस भारत लाया गया था।
-ऑपरेशन मैत्रीः यह ऑपरेशन भी साल 2015 में लांच किया गया था। इसके तहत नेपाल में आए भूकंप के दौरान कई हजार भारतीयों व विदेशियों को नेपाल से रेस्क्यू किया गया था।
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