CBI भारत की सबसे प्रमुख जांच एजेंसी है। आर्थिक अपराधों से लेकर भ्रष्टाचार और हाई-प्रोफाइल मामलों में हमें इसकी भूमिका देखने को मिलती है। पूर्व के सालों में भी भारत के प्रमुख मामलों में सीबीआई ने अपना महत्वपूर्ण रोल निभाया है। इस कड़ी में हाल ही में IPS अधिकारी प्रवीण सूद को CBI Director के रूप में नियुक्त किया गया है, जो कि 25 मई से अपना कार्यभाल संभालेंगे। वह सुबोध कुमार जयसवाल की जगह पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर किस प्रकार सीबीआई निदेशक पद की नियुक्ति होती है। साथ ही इस पद की नियुक्ति के लिए क्या है प्रक्रिया और क्या हैं पात्रताएं।
क्या है CBI
CBI यानि Central Bureau of Investigation भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है, जो कि आर्थिक अपराधों, भ्रष्टाचार और हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में जांच करती है। सीबीआई के पास IPC में 69 केंद्रीय कानूनों, 18 राज्य अधिनियमों और 231 अपराधों से संबंधित जांच करने का अधिकार है। इसकी स्थापना गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव पर साल 1963 में की गई थी। वर्तमान यह एजेंसी कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं पेंशन विभाग के अंतगर्त आती है। आपको यह भी बता दें कि यह संवैधानिक निकाय नहीं है।
सतर्कता आयोग और लोकपाल को प्रदान करती है मदद
सीबीआई प्रमुख रूप से सतर्कता आयोग और लोकपाल को भी सहायता प्रदान करती है। इसके साथ ही यह नोडल पुलिस एजेंसी होने के नाते इंटरपोल सदस्य देशों को भी जांच में सहयोग प्रदान करती है।
कैसे होती है निदेशक की नियुक्ति
सीबीआई का नेतृत्व एक निदेशक द्वारा किया जाता है। ऐसे में काफी महत्वपूर्ण पद होने के नाते इस पद की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति(ACC) द्वारा की जाती है। इसमें प्रधानमंत्री के साथ-साथ गृह मामलों के मंत्री को शामिल किया जाता है। साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता या फिर नेता न होने पर विपक्षी पार्टी का कोई भी नेता शामिल होता है। यह प्रक्रिया अधिकारियों से आवेदन आमंत्रित करने से शुरू हो जाती है, जिसके बाद नियुक्ति पर अंतिम मुहर समिति की होती है।
क्या होती हैं पात्रताएं
सीबीआई का निदेशक बनने के लिए अधिकारी के पास भारतीय पुलिस सेवा या फिर किसी भी अखिल भारतीय स्तर की सेवा में कम से कम 30 वर्षों का अनुभव होना चाहिए। इसके साथ ही अधिकारी के पास खुफिया जानकारी एकत्र करने या इस प्रकार का अनुभव होना चाहिए। वहीं, यह भी जरूरी है कि अधिकारी के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक या भ्रष्टाचार का मामला न हो, तब ही वह इस पद की नियुक्ति के लिए पात्र होगा। प्रवीण सूद वर्तमान में कर्नाटक में डीजीपी के पद पर कार्यरत हैं।
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